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पिता की कैंसर से हुई मौत को एक्सीडेंटल बताकर 50 लाख रुपए का क्लेम उठाने की तैयारी में जुटे 5 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इसमें दो वकील, एक पूर्व पीएमओ और एक एएसआई शामिल है। जबकि मृतक के बेटे को पुलिस ने पहले ही गिरफ़्तार कर लिया। प्रकरण साल 2016 का है। जिसमें कागजातों पर संदेह होने पर कंपनी ने साल 2023 सदर थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई। डीएसपी सूर्यवीर ने बताया- इंश्योरेंस कंपनी ने अपनी इंटरनल जांच में पाया कि बोरवट गांव निवासी देवेंग पटेल की मौत में उसके परिजनों ने कंपनी के सामने झूठी रिपोर्ट पेश कर 50 लाख रुपए का क्लेम उठाने की अपील की। इसके बाद कंपनी ने दस्तावेजों की पड़ताल की, जिसमें मृतक की हेल्थ रिपोर्ट में सही जानकारी नहीं मिलने पर जांच की गई। इसके बाद कंपनी ने मार्च 2023 में सदर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। इसके बाद सबसे पहले मृतक देवेंग पटेल के बेटे योगेंद्र पटेल, तत्कालीन पीएमओ डॉ. रवि उपाध्याय और तत्कालीन एएसआई योहन कुमार को पूछताछ के लिए 11 जुलाई को थाने बुलाया। जहां आरोप साबित होने और क्लेम में फर्जी दस्तावेज बनाने की बात कबूल करने के बाद उन्हें उसी समय गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों से पूछताछ की गई तो योगेंद्र ने बताया कि प्रकरण में दो वकील बोदला निवासी हितेश पटेल और सालिया निवासी महेंद्र पटेल भी शामिल हैं। पूर्व में तीन आरोपी गिरफ्तार होने की सूचना मिलने पर यह दोनों वकील फरार चुके थे। लेकिन उन्हें ट्रेस किया तो लोकेशन भीलवाड़ा की आई। इसके बाद टीम को रवाना किया और शुक्रवार रात को भीलवाड़ा से उन्हें पकड़ कर बांसवाड़ा लाया गया और शनिवार दोपहर उनकी गिरफ्तारी बताई गई। यह था मामला डीएसपी ने बताया- बोरवट निवासी देवेंग पटेल तीसरी स्टेज के कैंसर से पीड़ित था। तब दोनों वकील देवेंग के बेटे योगेंद्र से मिले और मई 2015 में देवेंग पटेल के नाम से इंश्योरेंस पॉलिसी कराई, उसमें कैंसर रोग की सच्चाई को बताया नहीं गया और 50 लाख रुपए की पॉलिसी करा दी। 14 मई 2016 को दोपहर करीब 2.30 बजे देवेंग की अचानक तबीयत खराब हुई तो उसे एमजी अस्पताल ले जाया गया। जहां इलाज के दौरान उसकी उसी दिन मौत हो गई। वकील भी साजिश में थे शामिल डीएसपी ने बताया- मौत की सूचना पर दोनों वकील भी अस्पताल पहुंचे। उन्होंने एएसआई योहन कुमार, पीएमओ रवि उपाध्याय और मृतक के बेटे योगेंद्र के साथ मिलकर साजिश रची और शव को पोस्टमॉर्टम के लिए मॉर्च्युरी में शिफ्ट कर दिया। जहां मिलीभगत कर प्राकृतिक मौत को एक्सीडेंटल बताया। बेटे योगेंद्र ने रिपोर्ट में बताया कि पिता टॉयलेट के लिए जा रहे थे और गिरने से उनकी मौत हो गई। पीएमओ ने भी चोट लगने से मौत बताई। पुलिस ने पोस्टमॉर्टम कर शव परिजनों को सौंप दिया। डीएसपी ने बताया कि मौत के बाद हेल्थ केयर इंश्योरेंस कंपनी ने क्लेम पास करने से पहले दो प्राइवेट डीटैक्टिव कंपनी से जांच कराई थी। इसमें यह क्लेम संदेह वाला लगा। दोनों की जांच रिपोर्ट के बाद कंपनी प्रतिनिधि मिलाप सिंह ने रिपोर्ट 2023 मार्च में दर्ज कराई थी। कंपनी ने अब तक क्लेम जारी नहीं किया। गिरोह के शामिल होने की आशंका फिलहाल सभी आरोपियों की पुलिस रिमांड चल रही है। हालांकि पुलिस का कहना है कि ऐसे कई मामले है, जिनमें झूठी मौत की रिपोर्ट दिखाकर क्लेम उठाया जा रहा है। ऐसे मामलों में एक गिरोह के शामिल होने की भी सूचना है, जिसके लिए पुलिस की ओर से जांच की जा रही है। प्रारंभिक तौर पर इसमें कई डॉक्टर, नर्सिंग कर्मी और पुलिसकर्मियों के शामिल होने की संभावना है। गिरोह के बांसवाड़ा, डूंगरपुर और प्रतापगढ़ समेत अन्य आसपास के जिलों में एक्टिव होने की संभावना है।

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