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चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) संजीव खन्ना ने 16 अप्रैल को भारत के 52वें मुख्य न्यायाधीश (CJI) के लिए जस्टिस बीआर गवई के नाम की सिफारिश की है। न्यायमूर्ति CJI खन्ना का कार्यकाल 13 मई 2025 को पूरा हो रहा है। गवई 14 मई को भारत के 52वें मुख्य न्यायाधीश बनेंगे। नागपुर यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएट हैं जस्टिस गवई जस्टिस गवई का पूरा नाम भूषण रामकृष्ण गवई है और वो भारतीय न्यायविद हैं। इनका जन्म 24 नवंबर 1960 को महाराष्ट्र के अमरावती में हुआ। वे ऐसे परिवार से थे जो डॉ. बी.आर. अंबेडकर के विचारों को मानता है। उनके पिता, आर.एस. गवई रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया में पॉलिटिशियन रहे और बिहार राज्य के गवर्नर भी रहे। न्यायमूर्ति गवई ने नागपुर यूनिवर्सिटी से आर्ट्स में ग्रेजुएशन और लॉ (B.A.LL.B.) की पढ़ाई की।​ वे नागपुर नगर निगम, अमरावती नगर निगम और अमरावती विश्वविद्यालय के लिए स्थाई वकील भी रहे। उन्होंने महाराष्ट्र की अलग-अलग नगर निगमों और यूनिवर्सिटी के लिए अगस्त 1992 से जुलाई 1993 तक परमानेंट लॉयर, असिस्टेंट लॉयर और 17 जनवरी 2000 को एडिशनल पब्लिक प्रोसिक्यूटर के तौर पर काम किया। ​उन्होंने मुंबई, नागपुर, औरंगाबाद और पणजी सहित कई बेंचों में काम किया।​ गवई अनुसूचित जाति वाले दूसरे CJI जस्टिस गवई 2010 में न्यायमूर्ति के.जी. बालकृष्णन की सेवानिवृत्ति के बाद 9 वर्षों में सर्वोच्च न्यायालय में नियुक्त होने वाले पहले अनुसूचित जाति के न्यायाधीश हैं। जस्टिस गवई अनुसूचित जाति से आने वाले दूसरे CJI होंगे, इससे पहले न्यायमूर्ति केजी बालकृष्णन 2010 में CJI के पद से रिटायर हुए थे। 14 मई 2025 को CJI का पद संभालेंगे और 23 नवंबर 2025 यानी अपने रिटायरमेंट तक इस पद पर रहेंगे। ये खबर भी पढ़ें….. ओलिंपिक विनर मीराबाई IWLF चेयरपर्सन बनीं: बचपन में लकड़ियां लाने से शुरू हुआ सपना, जानें कंप्लीट प्रोफाइल टोक्यो ओलंपिक खेलों की सिल्वर मेडल विजेता मीराबाई चानू को मंगलवार 15 अप्रैल को इंडियन वेट लिफ्टिंग फेडरेशन (IWLF) एथलीट्स कमीशन का चेयरपर्सन चुना गया। चानू के अलावा, दो बार के कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल जीतने वाले एस. सतीश कुमार को आयोग का उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया है। पूरी खबर पढ़ें…

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