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राजस्थान की सात विधानसभा सीटों पर 13 नवंबर को हुए उपचुनावों के रिजल्ट 23 नवंबर (शनिवार) को आएंगे। प्रदेश के 7 जिला मुख्यालयों झुंझुनूं, अलवर, दौसा, टोंक, नागौर, उदयपुर और डूंगरपुर पर सुबह 8 बजे से वोटों की गिनती शुरू होगी। सबसे पहले पोस्टल बैलेट गिने जाएंगे। इसके बाद ईवीएम के वोटों की गिनती होगी। पांच सीटों पर विधायकों के सांसद बनने और दो पर विधायकों के निधन की वजह से उपचुनाव हुए हैं। उपचुनावों के रिजल्ट सरकार और विपक्ष दोनों का सियासी नरेटिव सेट करेगा। इन 7 सीटों पर उपचुनाव हुए, उनमें भाजपा के पास सलूंबर को छोड़कर कोई सीट नहीं थी। दौसा सीट से कांग्रेस के मुरारीलाल मीणा, देवली-उनियारा से हरीश मीना, झुंझुनूं से बृजेंद्र सिंह ओला, खींवसर से हनुमान बेनीवाल, और चौरासी विधानसभा सीट से विधायक राजकुमार रोत के सांसद बन जाने से सीटें खाली हुई थी। संलूबर से भाजपा विधायक अमृतलाल मीणा और रामगढ़ से कांग्रेस विधायक जुबेर खान का निधन होने की वजह से सीट खाली हुई है। ईवीएम से सुबह 8:30 बजे से होगी काउंटिंग
राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवीन महाजन ने बताया- ईवीएम से वोटों की गिनती सुबह 8:30 बजे शुरू की जाएगी। इसके लिए 98 टेबल लगाई गई है। सभी 7 विधानसभा क्षेत्रों के लिए कुल 141 राउंड में ईवीएम से वोटों की गिनती होगी। वोटर्स की संख्या के आधार पर 18 से 22 राउंड में गिनती होगी। उपचुनाव में 7 में से 6 सीटों पर 2023 से कम वोटिंग
13 नवंबर 2024 को हुए मतदान में 7 सीटों पर औसतन कुल 69.72 प्रतिशत वोटिंग हुई थी। वहीं, 2023 में विधानसभा चुनाव के दौरान इन क्षेत्रों में 74.74 प्रतिशत वोटिंग हुई थी। सात सीटों में से 6 सीटों पर 2023 के विधानसभा चुनाव की तुलना में कम वोटिंग हुई थी। इन सात में सबसे ज्यादा 75 प्रतिशत से अधिक मतदान खींवसर और रामगढ़ सीट पर हुआ था। वहीं, खींवसर सीट पर उपचुनाव में विधानसभा चुनाव 2023 से 2.13 फीसदी ज्यादा वोटिंग हुई थी। खींवसर सीट पर 2023 के मतदान प्रतिशत 73.49 की तुलना में अब उपचुनाव में मतदान प्रतिशत बढ़कर 75.8 हो गया। यहां आरएलपी उम्मीदवार कनिका बेनीवाल, भाजपा उम्मीदवार रेवतराम डांगा के बीच कांटे का मुकाबला है। दौसा सीट पर पिछली बार से 12.10 प्रतिशत कम वोट वोटिंग हुई थी। यहां मंत्री किरोड़ीलाल मीणा के भाई जगमोहन मीणा भाजपा उम्मीदवार हैं। हॉट सीटों के नतीजों पर सबकी नजर
हॉट सीट खींवसर और दौसा के नतीजों पर सबकी नजर है। खींवसर का रिजल्ट आरएलपी के अस्तित्व से जुड़ा है, क्योंकि इस सीट पर आरएलपी हार गई तो विधानसभा में उसका एक भी विधायक नहीं रहेगा। अगर जीती तो हनुमान बेनीवाल की पार्टी की सदन में मौजूदगी बरकरार रह जाएगी। दौसा का रिजल्ट मंत्री किरोड़ीलाल मीणा की सियासी पकड़ का लिटमस टेस्ट माना जा रहा है। यहां भाजपा जीतती है तो दो सगे भाई और एक भतीजा साथ में विधायक होने का रिकॉर्ड बनेगा। थप्पड़ कांड के बाद देवली उनियारा सीट भी चर्चा में
देवली-उनियारा सीट भी निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा के एसडीएम को थप्पड़ मारने के बाद उठे विवाद और समरावता कांड के बाद चर्चा में है। इस सीट का रिजल्ट भी स्थानीय सियासत को प्रभावित करेगा। सरकार और विपक्ष दोनों के लिए अहम है उपचुनाव का रिजल्ट
सात सीटों पर उपचुनाव सरकार और विपक्ष दोनों के लिए अहम है। अगर भाजपा ज्यादा सीटें जीतती है तो सीएम भजनलाल शर्मा को सियासी मोर्चे पर बढ़त मिलेगी। विपक्ष के उन पर सियासी हमले कम हो जाएंगे। अगर ऐसा नहीं हुआ तो विपक्ष और आक्रामक होगा। इनके बीच मुकाबला विधानसभा उपचुनाव से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें…. उपचुनाव में कम वोटिंग से क्या भाजपा को नुकसान होगा?:परंपरा टूटी तो चौंका सकते हैं नतीजे, जानिए क्या कहते हैं समीकरण और आंकड़े राजस्थान की 7 सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजे शनिवार को सामने आएंगे। सियासी गलियारों में चर्चा है कि इस बार उपचुनाव में जीत-हार की परंपरा बदल सकती है। प्रदेश में हुए पिछले 16 उपचुनाव के नतीजों पर गौर करें तो ये परंपरा रही है कि – ‘बीजेपी उपचुनाव में हमेशा बैकफुट पर रहती है’ और ‘मतदान घटने पर कांग्रेस को फायदा होता है।’ पढ़ें पूरी खबर…

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