दो बेटों के माता-पिता 8 साल से अलग रहे थे। आज एक बार फिर से लोक अदालत में बेटों और परिजनों के सामने एक-दूसरे को माला पहनाकर फिर से एक हो गए। मजिस्ट्रेट कहने पर एक-दूसरे को मिठाई भी खिलाई। शनिवार को बाड़मेर कोर्ट में आयोजित लोक अदालत में आपस में राजीनामा हुआ है। दोनों पति-पत्नी बेटों के साथ अपने घर गए। वकील का कहना है कि आटे-साटे की वजह की वजह दोनों के बीच आपसी कलह हो गई। इसी वजह से 8 सालों से लड़की अपने पीहर में रह रही थी। हम लोगों ने दोनों परिवारों से समझाइश कर मनाया और लोक अदालत में साथ में रहने के लिए दोनों राजी हो गए। दरअसल केरावा निवासी होली की शादी 12 साल पहले कवास निवासी उकाराम के साथ हुई थी। चार साल तक दोनों के बीच सब कुछ ठीक चलता रहा। आटे-साटे के चलते दोनों परिवारों में आपसी कहासुनी हो गई। होली अपने ससुराल नहीं गई। उस समय दोनों के दो बेटे थे। महिला की तरफ से भरण-भोषण का मामला कोर्ट में चल रहा था। वहीं उकाराम ने तलाक के अर्जी कोर्ट में लगा रखी थी। दोनों पक्षों के मामले कोर्ट में लंबित थे। वकील गणेश मेघवाल का कहना है कि 12 साल पहले शादी हुई थी और 4 साल तक साथ में रहे। फिर आटे-साटे की वजह से आपसी कलह हो गई। दोनों साथ में रहना नहीं चाहते थे। महिला ने भरण-पोषण और लड़के ने तलाक की अर्जी कोर्ट में लगा रखी थी। मामले कोर्ट में लंबित थे। हमारी और से पहले भी राजीनामा करने की समझाइश की थी लेकिन माने नहीं थे। अब दो-तीन पहले दोनों पक्षों से बात की, लोक अदालत की भावना को देखते हुए आज पति-पत्नी साथ रहने के लिए तैयार हो गए। कोर्ट में दोनों के दावों को विड्रो कर दिए है।