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राजस्थान में शनिवार को लगी राष्ट्रीय लोक अदालत में 8 साल से अलग रह रहे पति-पत्नी बच्चों के लिए एक हो गए। जज ने उन्हें मिठाई खिलाई और फूल बरसाए। वहीं 10 मिनट में किसान का 15 लाख का कर्ज माफ कर दिया गया। अदालत में सालों पुराने मामलों की हाथों हाथ सुलझाया गया। दरअसल, राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से लोक अदालतों में 10 लाख से अधिक प्रकरण सुनवाई के लिए चिह्नित किए गए थे। लोक अदालतों में दिनभर समझाइश का दौर चला और हाथों-हाथ बिगड़ी बात बनती दिखाई दी। पढ़िए- लोक अदालत में कैसे सुलझे सालों पुराने मामले… पति-पत्नी भूले मनमुटाव, बच्चे के लिए फिर एक हुए मामूली बात से बिगड़े पति-पत्नी के रिश्तों को सुधारने के लिए भी फैमिली कोर्ट में पहल की गई। अजमेर में फैमिली कोर्ट संख्या 2 में जज रामेश्वर लाल चौधरी ने करीब बीस मामलों में समझौता कराया। कोर्ट में बोराज निवासी गोविंद और उर्मिला रावत के बीच भी सुलह करवाई गई। दोनों ने बताया- उनकी शादी 2016 में हुई थी। शादी के बाद से पारिवारिक विवाद हो गया और अंडरस्टैंडिंग नहीं होने से विवाद बढ़ गया। इन बातों को लेकर दोनों में मनमुटाव शुरू हो गया। गोविंद ने बताया- 2022 में उर्मिला घर छोड़कर चली गई और बाद में जुलाई 2023 में फैमिली कोर्ट में केस कर दिया। उनके पांच साल का बच्चा कार्तिक है। वो पिछले एक साल से परेशान थे। गोविंद और उर्मिला ने बताया कि एक साल से केस चल रहा था। आज जज की मध्यस्थता से राजीनामा हो गया। उर्मिला ने बताया कि बच्चे के भविष्य के लिए हम फिर से एक हुए, जिसकी बहुत खुशी है। दस साल बाद 15 लाख का कर्ज माफ हुआ बांसवाड़ा में घाटोल के खरवाली गांव निवासी एक परिवार को 15 लाख रुपए का कर्ज माफ कर राहत दी गई। यहां खरवाली निवासी रकमा ने ट्रैक्टर के लिए साल 2007 में 4.25 लाख का बैंक ऑफ बड़ौदा से लोन लिया था। 2014 में रकमा की मौत होने के बाद परिवार में कोई लोन नहीं चुका रहा था। इस पर बैंक की ओर से कई नोटिस दिए जाने के बाद भी परिजनों ने रिप्लाई नहीं किया। आखिर में बैंक की ओर से 2021 में परिवार पर पुलिस केस किया गया, लेकिन इसके बाद भी परिवार लोन नहीं चुका पाया। रकमा के बेटे मिथुन ने बताया- हम 8 भाई हैं, उसमें दो की मृत्यु हो गई और 6 बचे हैं। 6 भाई कभी एक साथ नहीं रहे। इस कारण लोन चुकाने के लिए एकमत कभी नहीं हो सके। आज जब लोक अदालत में आने का अंतिम नोटिस मिला तो सभी को लगा कि यहीं एक अवसर है, जिसमें कुछ राहत मिल सकती है, इसलिए सभी एक राय होकर कोर्ट पहुंचे। जहां 19 लाख 81 हजार 227 रुपए बकाया राशि में से 15 लाख 56 हजार 227 रुपए माफ कर समझौता राशि 4.25 लाख मूलधन चुकाने का आदेश हुआ। इससे परिवार को काफी मिल सकेगी। बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य प्रबंधक महेंद्र खटीक ने बताया- बैंक ने पहले तो नोटिस दिए, लेकिन फिर भी लोन नहीं चुकाने पर दो साल पहले केस किया गया। आज लोक अदालत में एक अंतिम मौका दिया गया, तो सभी एकमत हुए और समझौता हो गया। 4 साल से रह रहे थे अलग, अदालत में पहनाई एक-दूसरे को माला पाली शहर के बापू नगर विस्तार में रहने वाली सोनिया सिंह (23) की 7 दिसंबर 2019 को अहमदाबाद निवासी सुमेर सिंह से शादी हुई थी। सुमेर सिंह अहमदाबाद में टूर एंड ट्रैवल्स का बिजनेस करता है। दोनों के बीच रिश्ते अच्छे थे, लेकिन लॉकडाउन में काम बंद होने के कारण सुमेर की आर्थिक स्थिति खराब हो गई। इसी दौरान सास के तानों से सोनिया मानसिक रूप से परेशान रहने लगी। इसके बाद 3 जून 2020 को वह पाली में अपने पीहर आ गई। जब ससुराल से उसे कोई लेने नहीं आया तो साल 2023 में पति के खिलाफ कोर्ट में एडवोकेट महिपालसिंह चारण के जरिए भरण पोषण का मुकदमा लगाया। जिसके बाद कई बार कोर्ट में पेशी हुई। इस बीच लोक अदालत में शनिवार को पारिवारिक न्यायालय के न्यायाधीश कमल छंगाणी और एडवोकेट महिपाल सिंह चारण ने दोनों से समझाइश की। फिर दोनों साथ रहने को राजी हुए और एक-दूसरे को माला पहनाई। इस दौरान न्यायाधीश समेत मौजूद अन्य लोगों ने फूल बरसाकर उन्हें शुभकामनाएं दीं। 8 साल बाद फिर एक हुए दो बच्चों के माता-पिता बाड़मेर में 8 साल से अलग रह रहे दो बेटों के माता-पिता ने लोक अदालत में आज एक बार फिर से एक-दूसरे को माला पहनाकर शादी की। केरावा निवासी होली की शादी 12 साल पहले कवास निवासी उकाराम के साथ हुई थी। चार साल तक दोनों के बीच सब कुछ ठीक चलता रहा। आटा-साटा के चलते दोनों परिवारों में आपसी कहासुनी हो गई। इसके बाद होली अपने ससुराल नहीं गई। उस समय दोनों के दो बेटे थे। महिला की तरफ से भरण-भोषण का मामला कोर्ट में चल रहा था। वहीं उकाराम ने तलाक की अर्जी कोर्ट में लगा रखी थी। वकील गणेश मेघवाल ने बताया कि आटा-साटा की वजह से दोनों के बीच आपसी कलह हो गई। इस वजह से बीते 8 सालों से लड़की अपने पीहर में ही थी। हमने दोनों परिवारों से समझाइश की और उन्हें मनाया। इसके बाद दोनों लोक अदालत में साथ में रहने के लिए राजी हुए। दोनों ने एक-दूसरे को मिठाई खिलाई और साथ-साथ अपने घर गए।

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