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राजस्थान में पहली बार नेत्रहीन को झूठे केस में पुलिस ने जेल पहुंचा दिया। 87 दिनों तक पीड़ित रोज रोता रहा, बेगुनाह होने की गुहार लगाता रहा, लेकिन किसी ने उसकी एक नहीं सुनी। निर्दोष दृष्टिहीन को मारपीट के झूठे केस में जेल जाना पड़ा था। आखिरकार पीड़ित के ही दृष्टिहीन भाई की कोशिशों से पुलिस को फिर से जांच करनी पड़ी। जांच में पीड़ित निर्दोष साबित हुआ। हाईकोर्ट ने उसकी रिहाई के आदेश दिए। पढ़िए पूरा मामला… राजस्थान के चूरू जिले के सिद्धमुख तहसील का भीमसाना गांव। इसी गांव में 28 साल का अमिचंद और उसका परिवार रहता है। अमिचंद को जन्म से ही काला मोतिया बीमारी के चलते धुंधला दिखाई देता है। उसके दो बच्चों में से एक दस साल की बच्ची भी इसी बीमारी से जूझ रही है। अमिचंद समेत परिवार के सात सदस्यों को इसी प्रकार की बीमारी है। जीवन किसी तरह चल रहा था। इसी साल होली के त्योहार के दौरान अमिचंद एकाएक गायब हो गया। परिवार के सदस्यों को लगा, कहीं गया होगा, लौट आएगा। इसी आज-कल में एक महीना बीत गया। एक महीने तक अमिचंद का पता नहीं चला तो परिवार ने पुलिस में रिपोर्ट दी। पुलिस के पास पहुंचे तो पता चला कि अमिचंद तो एक महीने से राजगढ़ जेल में बंद है। उस पर मारपीट का आरोप था। दरअसल, इसी साल 14 मार्च को जोथड़ा गांव में एक व्यक्ति के साथ 5 लोगों ने मारपीट की थी। इस मामले में चूरू के तारानगर थाने में तीन लोगों के खिलाफ नामजद और 2 अन्य के खिलाफ मामला दर्ज हुआ। अमिचंद के परिवार जनों का आरोप है कि इस मामले में एक आरोपी पवन ने पुलिस से सांठगांठ कर अपने बजाय अमिचंद को आरोपी बना दिया और पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर 26 मार्च को जेल भेज दिया। उधर, अमिचंद के परिवारवालों से पवन ने यह कह दिया कि उसे गाड़ी पर काम करने के लिए जम्मू भेज दिया है। एक महीने तक पवन ने परिवार को जानकारी नहीं दी
एक महीने तक अमिचंद की कोई खोज खबर नहीं मिली तो पत्नी ने पवन से इस मामले में पूछताछ की। पवन लगातार आनाकानी करता रहा। इस पर परिवार ने अमिचंद के बारे में हरियाणा में रहने वाले उसके भाई संदीप को बताया। संदीप ने गांव आकर इस मामले में सिद्धमुख थाने में अमिचंद की गुमशुदगी की शिकायत दी। पुलिस ने बताया कि अमिचंद तो एक मामले में राजगढ़ जेल में बंद है। ये सुनते ही परिवार के सभी सदस्य चौंक गए। संदीप ने राजगढ़ जेल जाकर अमिचंद से मिला तो पूरे मामले का खुलासा हुआ। पुलिस ने झूठे मामले में मेरे भाई को फंसाया : संदीप
इसके बाद संदीप ने एडवोकेट हरदीप सिंह सुंदरिया से मिलकर 5 जून को चूरू एसपी को शिकायत दी और पूरे मामले की फिर से जांच करने की मांग की। चूरू एसपी ने राजगढ़ के सहायक पुलिस अधीक्षक निश्चय प्रसाद एम को जांच सौंपी। इस जांच में सामने आया कि अमिचंद निर्दोष है। मारपीट के इस मामले के वीडियो में कहीं पर भी अमिचंद नजर नहीं आया था। इसके बावजूद तत्कालीन आईओ ने अमिचंद से लाठी भी बरामद कर ली थी और झूठी निशानदेही भी करवाई। इसके बाद पुलिस ने इस जांच रिपोर्ट को तारानगर कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने कहा कि जांच पूरी की चुकी है। न्यायालय द्वारा संज्ञान ले लिया गया है। जब मामला कोर्ट में विचाराधीन है तो पुलिस कोर्ट की अनुमति के बगैर जांच नहीं कर सकती, इसलिए इसे खारिज किया जाता है। इसके बाद एडीजे कोर्ट के आदेशों को हाईकोर्ट जोधपुर में चुनौती दी गई। हाईकोर्ट में जस्टिस मनोज कुमार गर्ग ने कहा कि ऐसा लगता है कि याचिकाकर्ता को झूठा फंसाया गया था। हाईकोर्ट ने निचली अदालत के आदेश को रद्द करते हुए अमिचंद को रिहा करने के आदेश दिए। एसएचओ औऱ तत्कालीन जांच अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए। हाईकोर्ट के 11 जुलाई के आदेशों के बाद सोमवार को अमिचंद को जेल से रिहा कर दिया गया। जेल में हर रोज पत्नी-बच्चों की चिंता में रोता रहा : अमिचंद
जेल में 87 दिन गुजार चुके अमिचंद से भास्कर ने बात की। अमिचंद ने बताया- पवन मुझे घर बुलाने आया था। उसने मुझे नशीला पदार्थ पिला दिया और पुलिस के सामने पेश कर दिया। अमिचंद ने बताया- मैंने पुलिस से कहा कि मैं बेगुनाह हूं, लेकिन उन्होंने मेरी एक नहीं सुनी। मजिस्ट्रेट के सामने पेश कर जेल भेज दिया गया। परिवार में सात सदस्य आंखों की बीमारी से पीड़ित
आंखों से कम दूरी का धुंधला दिखने की शिकायत अमिचंद के परिवार में सात सदस्यों को है। अमिचंद और उसकी बेटी के अलावा उसके भाई को भी नहीं दिखता है। अमिचंद की चाची और उनके बेटा-बेटी को भी इसी प्रकार की बीमारी है। वहीं अमिचंद की मां और नानी को भी यही शिकायत थी। ….. जोधपुर हाईकोर्ट में नेत्रहीन केस से जुड़ी ये खबर भी पढ़िए…. पुलिस ने नेत्रहीन को झूठे-केस में फंसाया, हाईकोर्ट ने छोड़ा:2 लाख मुआवजा भी देना होगा, SHO और जांच अधिकारी के खिलाफ होगी जांच राजस्थान हाईकोर्ट ने झूठे केस में फंसाए गए नेत्रहीन को तुरंत रिहा करने का आदेश दिया है। जोधपुर बेंच ने आरोपी एसएचओ और जांच अधिकारी के खिलाफ भी जांच के आदेश दिए है। पूरी खबर पढ़िए…

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