प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नौ दिन में दूसरी बार जयपुर आ रहे हैं। वे यहां मंगलवार को प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना ‘पार्वती-कालीसिंध-चंबल ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट’ (PKC-ERCP) का शिलान्यास करेंगे। इससे पहले, मोदी ने 9 दिसंबर को जयपुर में राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट का उद्घाटन किया था। पीएम सुबह 11:50 बजे जयपुर एयरपोर्ट पहुंचेंगे। एयरपोर्ट से हेलिकॉप्टर से सांगानेर के दादिया में सभा स्थल 12:10 बजे आएंगे। वे यहां विकास प्रदर्शनी का अवलोकन करेंगे। इसके बाद पीकेसी-ईआरसीपी के पहले चरण का शिलान्यास कर जनसभा को संबोधित करेंगे। इस प्रोजेक्ट से प्रदेश के 21 जिलों को पीने और सिंचाई का पानी मिलेगा। मध्यप्रदेश के साथ किया था एमओयू
दरअसल, कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव-2023 में ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने का मुद्दा बनाया था। तत्कालीन गहलोत सरकार ने ईआरसीपी के लिए करीब 9 हजार करोड़ के बजट का प्रावधान भी किया था। इसके बाद प्रदेश में सरकार बदल गई। भजनलाल सरकार ने संशोधित पीकेसी-ईआरसीपी को लेकर मध्यप्रदेश के साथ जल शक्ति मंत्रालय की उपस्थिति में एमओयू किया। ईआरसीपी से प्रदेश के जिन 21 जिलों को पीने और सिंचाई का पानी मिलेगा, इनमें अधिकतर जिले पूर्वी राजस्थान के हैं। विधानसभा उपचुनाव से पहले ही सरकार पीएम मोदी के हाथों परियोजना का शिलान्यास कराना चाहती थी। आचार संहिता के चलते ऐसा नहीं हो पाया था। क्या है ERCP…
प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के दूसरे कार्यकाल में साल 2017 में पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना का खाका तैयार किया गया था। बताया जाता है कि यह परियोजना उन्हीं की देन है। इसके अंतर्गत पार्वती, चंबल और कालीसिंध नदी को जोड़ने की रूपरेखा तैयार की गई थी। इसके जरिए पूर्वी राजस्थान के जयपुर, झालावाड़, बारां, कोटा, बूंदी, सवाई माधोपुर, अजमेर, टोंक, दौसा, करौली, अलवर, भरतपुर, धौलपुर, गंगापुर सिटी, ब्यावर, केकड़ी, दूदू, कोटपूतली-बहरोड़, खैरथल-तिजारा, डीग और जयपुर ग्रामीण को जल संकट से छुटकारा मिलेगा। पेयजल के साथ किसानों को सिंचाई के लिए भी जरूरत का पानी मिल सकेगा। परियोजना से किसानों को नहीं मिलेगा पानी- गहलोत
पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने पीकेसी-ईआरसीपी के नए प्रोजेक्ट में किसानों के लिए सिंचाई के पानी का प्रावधान नहीं रखने का दावा किया है। गहलोत ने कहा- यही वजह है कि ईआरसीपी पर किए जा रहे एमओयू को छुपाया जा रहा है, अन्यथा इसे गुप्त रखने का क्या कारण है? गहलोत ने कहा- पीएम नरेंद्र मोदी अभी आकर गए हैं और सात दिन बाद फिर आ रहे हैं। पीएम किसी राज्य में जाते हैं, तो किस मकसद से जा रहे हैं, यह देखा जाता है। इन्होंने ईआरसीपी का नाम बदलकर पीकेसी-ईआरसीपी कर दिया। मध्यप्रदेश और राजस्थान सरकार के बीच एग्रीमेंट हुआ है, क्या जनता को यह जानने का हक नहीं है कि उसका राजस्थान को क्या लाभ मिलेगा, यह तो हक है। हम मुख्यमंत्री से लगातार मांग कर रहे हैं। इसके बावजूद एमओयू सार्वजनिक नहीं किया जा रहा है। ईआरसीपी पर नया एग्रीमेंट भी कर लिया, उसको गुप्त रखा जा रहा है। प्रदेश की जनता को ही पता नहीं चल रहा कि आप हमारे हितों की रक्षा कर रहे हो या नहीं कर रहे हो। मध्य प्रदेश को फायदा मिलेगा या हमें मिलेगा यह हमें मालूम नहीं है।

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