शहर में बुधवार को हुए ज्वैलर्स के कर्मचारी से 90 लाख रुपए के आभूषणों की लूट के आरोपियों का सुराग लगा है। वारदात में स्वर्ण-रजत मार्केट के एक ज्वैलर्स के पुराने कर्मचारी का हाथ रहा। वह मारपीट के एक मामले में जेल भी जा चुका है। उसने कुछ बदमाशों से मिलकर इसे अंजाम दिया। सभी बदमाशों की पहचान हो गई है। सीसीटीवी में नजर आ रहे बदमाश। चौथमाता बाजार स्थित कमल ज्वैलर्स का कर्मचारी महेंद्र सिंह 900 ग्राम सोने की ज्वैलरी का बॉक्स लेकर दुकान पर जा रहा था। सायमन प्लाजा के सामने बाइक सवार 5 बदमाश उसे चाकू दिखाकर स्कूटर छीन ले गए। स्कूटर की डिक्की में करीब 90 लाख रुपए के जेवर रखे थे। स्कूटर बोरखेड़ा इलाके में मिल गया, लेकिन जेवर गायब हैं। पुलिस ने बदमाशों के भागने वाले रूट के सीसीटीवी खंगाले। पता चला कि इसी बाजार में एक दुकानदार का पूर्व कर्मचारी मारपीट के मामले में जेल गया था। संभवतः तब बदमाशों से उसकी पहचान हुई। पुलिस की 5 टीमें इनकी धरपकड़ के लिए लगी है। एसपी डॉ. अमृता दुहन ने पीड़ित कर्मचारी महेंद्रसिंह से जानकारी ली। उन्होंने बताया कि तकनीकी टीम, सीसीटीवी देखने के लिए टीम, संदिग्ध बदमाश से पूछताछ करने व आरोपियों को पकड़ने के लिए विशेष टीमें लगा रखी हैं। वे खुद मॉनिटरिंग कर रही हैं खुद ने बोगस ग्राहक भेजा उस पूर्व कर्मचारी को ही पता था कि कमल ज्वेलर्स के मालिक कुलदीप सोनी ग्राहक आने पर दिखाने के लिए जेवर स्वर्ण रजत मार्केट से मंगवाते हैं। इसलिए उसने बोगस ग्राहक दुकान पर भेजा। दिखाने के बाद वापस कर्मचारी महेंद्र जेवर देने जा रहा था। तब घात लगाए बैठे बदमाशों ने वारदात की। जो बोगस ग्राहक बनकर आया, उस तक पुलिस पहुंची तब मामला सामने आया। लूट की वारदात को अंजाम देने के बाद लुटेरे पुलिस को चकमा देने के लिए बारां फोरलेन पर चढ़ गए। वहां से वे रायपुरा चौराहे से नीचे उतरे और कोरल पार्क की ओर जाकर सीसीटीवी फुटेज में लुटेरे हैंगिंग ब्रिज से निकलते नजर आए। लेकिन इसके बाद वे दोबारा हैंगिंग ब्रिज की ओर आए। टोल पार करने के बाद से पुलिस अब तक उनकी लोकेशन का कोई सुराग नहीं लगा