प्रदेश के अब छोटे शहरों व नगरों में भी पीएनजी व सीएनजी नेटवर्क विकसित किया जाएगा। इसके लिए भजनलाल सरकार की कैबिनेट की बैठक में राजस्थान सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन (सीजीडी) नीति -2025 का अनुमोदन किया गया। इस नीति में सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन कंपनियों के लिए अनुमति, भूमि आवंटन एवं अनुमोदन की प्रक्रिया को समयबद्ध व सरल बनाया गया है। इसके लिए सीजीडी पोर्टल भी विकसित किया जाएगा। यह नीति 31 मार्च 2029 तक अथवा अन्य नीति लागू होने तक प्रभावी रहेगी। इससे राज्य में कार्बन उत्सर्जन घटाने में मदद मिलेगी और स्वच्छ, सुरक्षित व पर्यावरण अनुकूल प्राकृतिक गैस की पहुंच आमजन तक आसाम होगी। नीति से सीजीडी के इन्फ्रास्ट्रक्चर में निवेश को बढ़ावा मिलेगा। कैबिनेट की बैठक में अक्षय ऊर्जा क्षेत्र की क्षमता बढ़ाने के लिए तीन केंद्रीय पीएसयू के साथ ज्वाइंट वेंचर कंपनियां बना कर काम करने का फैसला लिया। इससे 11 हजार 200 करोड़ का निवेश आएगा। अक्षय ऊर्जा की क्षमता बढ़ने से बिजली की पीक लोड डिमांड को पूरा किया जा सकेगा। इससे बिजली उत्पादन में प्रदेश के वित्तीय भार में कमी आएगी। कर्मचारियों के लिए बीच का रास्ता निकाला बजट में घोषणा के अनुसार जिन कर्मचारियों ने अब तक सेवा अवधि व कार्य अनुभव में छूट का लाभ नहीं लिया हो, उन्हें दो वर्ष की छूट का लाभ देने की बात थी। अब कैबिनेट ने तय किया है कि इसमें अंतिम दो वित्तीय वर्ष में अनुभव में छूट का लाभ लेने वालों को ही इससे बाहर रखा जाएगा। चूंकि ऐसा लाभ लेने वालों की संख्या न्यूनतम है। ऐसे में अनुभव में दो वर्ष की छूट का लाभ ज्यादातर कर्मचारियों को मिल सकेगा। ऐसा फैसला कर विरोध करने वालों को भी संतुष्ट कर दिया है। आरयूएचएस अधिनियम में संशोधन के लिए अध्यादेश
बजट में राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय को एम्स दिल्ली की तर्ज पर उन्नयन कर राजस्थान इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज की स्थापना किए जाने की घोषणा की गई थी। इसके लिए राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय (संशोधन) अध्यादेश-2025 लाया जाएगा। रिक्तियों में 100% तक वृद्धि
विविध सेवा नियमों में विज्ञापित रिक्तियों की संख्या का 50 प्रतिशत तक वृद्धि कर चयन किए जाने का प्रावधान है। अब इसकी संख्या में 100% तक वृद्धि का प्रावधान किया है। गवर्निंग बोर्ड करेगा RIC का प्रबंधन
आरआईसी का प्रबंधन अब ‘राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर जयपुर सोसाइटी’ के माध्यम से किया जाएगा। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गवर्निंग बोर्ड का गठन होगा। पशु चिकित्सा कर्मियों के पदनाम परिवर्तन
असल में कैबिनेट ने जो पदनाम परिवर्तित करने का फैसला किया है, वह फैसला तो पूर्व की कैबिनेट में ही कर लिया गया था। उसके बाद 24 जनवरी 2025 को ही उसका नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया गया था।
