दो दिन की बारिश में पाली शहर के आधा दर्जन से अधिक इलाके डूब गए हैं। जहां तक नजर जा रही है, पानी ही पानी है। बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे। दूध-ब्रेड, अखबार, सब्जी, दवा जैसी जरूरी चीजें नहीं पहुंच पा रही हैं। विकास नगर, शेखावत नगर, रामदेव रोड, सुंदर नगर, रजत नगर, संतोष नगर और केशव नगर की 50 हजार से अधिक की आबादी की रातें जागकर निकल रही हैं। अधिकतर परिवारों ने अपने रिश्तेदारों के यहां शरण ले रखी है। दैनिक भास्कर रिपोर्टर ने ऐसे ही कुछ इलाकों का जायजा लिया। कई जगह तो ट्रैक्टर का सहारा लेना पड़ा। पढ़िए यह रिपोर्ट… सबसे पहले 3 PHOTOS देखिए… विकास नगर : कमर तक पानी, पत्नी-बच्चों को घर भेजा
भास्कर की टीम पूनायता औद्योगिक क्षेत्र स्थित विकास नगर पहुंची। यहां बारिश के पानी की निकासी नहीं होने से सड़कों पर कहीं घुटनों तो कहीं कमर तक पानी भरा हुआ है। पानी घरों के अंदर तक चला गया है। बताया जाता है कि चादर वाले बालाजी मंदिर के पास लाखोटिया तालाब से ओवरफ्लो होकर बरसाती पानी बहकर आता है। इससे रामदेव रोड, शेखावत नगर होते हुए विकास नगर में जलभराव के हालात बन जाते हैं। नदी तक बरसाती पानी की निकासी की व्यवस्था नहीं है। पिछले साल भी ऐसे ही हालात थे। नरसिंह मीणा बताते हैं- घर के अंदर तक पानी भर गया। इसलिए पत्नी को बच्चों के साथ ससुराल भेज दिया। डूंगरराम ने बताया- यहां से पानी निकलने में 15 से ज्यादा दिन लग जाएंगे। तब जक हम लोगों को काम पर जाने में दिक्कत होगी। बच्चे स्कूल कैसे जाएंगे। करंट लगने का भी डर सताता रहता है। बुजुर्ग महिला छन्नूदेवी कहती हैं- मेरे मकान के चारों तरफ दो से तीन फीट तक बरसाती पानी भरा हुआ है। इससे मकान की नींव कमजोर हो रही है। लोन लेकर मकान बनवाया है। हर समय किसी हादसे की आशंका बनी रहती है। रामदेव रोड : मुख्य सड़क बनी तालाब
शेखावत नगर की भी स्थिति कमोबेश विकासनगर जैसी ही है। यहां की की मुख्य सड़क से लेकर आस-पास की गलियों में बरसाती पानी भरा हुआ है। यहां महावीर गृह निर्माण, आनंद नगर की गलियों में भी घुटनों तक बरसाती पानी भरा हुआ है। रामदेव रोड की मुख्य सड़क पर भी पानी है। रामदेव रोड के रहने वाले पूनमचंद बडगूजर कहते हैं- हर साल ऐसी स्थिति होती है। बारिश में हम अपने ही घरों में कैद हो जाते हैं। रजत नगर-सूर्या नगर : सांप से लेकर अन्य जीव-जंतु घुस रहे घरों में
शहर के रजत और सूर्य नगर में भी हालात बुरे हैं। रजतनगर की अधिकतर गलियों में डेढ़ से दो-दो फीट तक पानी है। सूर्य नगर, महालक्ष्मी गार्डन (महालक्ष्मी नगर) के पास भी पानी की निकासी नहीं होने से लोगों को परेशानी हो रही है। सूर्यनगर के रहने वाले बाल किशन सोनी बोले- आस-पास प्लॉट के चारदीवारी हो गई। इससे और समस्या बढ़ गई। इंद्रानगर विस्तार कॉलोनी की गंगादेवी ने बताया- पांच साल से यहां रह रही हूं। कहते हैं कि एक-दो दिन में पानी सूख जाएगा। 10 दिनों तक पानी नहीं सूखता है। केशव नगर के लोग बोले- सांप बहकर आ रहे है
पाली शहर के केशव नगर में पानी के साथ सांप आ रहे हैं। केशव नगर की पूजा ने बताया- पार्षद भी हमारी नहीं सुनते। हर मानसून में ऐसी ही समस्या रहती है। केशव नगर (गणेश नगर) की रहने वाली सुमन देवी ने कहा- हमारे यहां कोई सुविधा नहीं है। शहर के नया गांव पठान कॉलोनी, जगदम्बा कॉलोनी, ट्रांसपोर्ट नगर में भी ऐसे ही हालात हैं। पीड़ा के बोल… कलेक्टर ने जायजा लिया था
जिला कलेक्टर LN मंत्री ने 15 जुलाई को शहर का जायजा लिया था। कई जगह बरसाती पानी की निकासी के लिए मड पम्प लगवाए थे। क्यों बने ऐसे हालात, जानिए
पाली शहर में पिछले 24 घंटे (14 से 15 जुलाई सुबह 8 बजे तक) में 94 एमएम बारिश हो चुकी है। मानसून की पहली बारिश में शहर के हालात बिगड़ गए। जहां तक नजर जाती है, पानी ही पानी… …. राजस्थान में बारिश से बिगड़े हालात की ये ग्राउंड रिपोर्ट भी पढ़िए… 1. घरों में कैद लोग, रास्ते में भरे पानी में मगरमच्छ:दूध-सब्जी को भी तरसे लोग, कोटा की दर्जनों कॉलोनियों में बाढ़ के हालात कोटा में 2 दिन से मूसलाधार का दौर है। 24 घंटे में 136 एमएम बारिश हो चुकी है। लगातार बारिश से कई कॉलोनियों में बाढ़ जैसी स्थिति हो गई है। पूरी खबर पढ़िए… राजस्थान में भारी-बारिश से बाढ़ जैसे हालात, हजारों लोग फंसे:ट्रेनें बंद-हाईवे जाम; पानी की साथ बह गईं कारें, चंबल में उफान से दहशत प्रदेश में सोमवार को हुई बारिश से कई शहरों में बाढ़ जैसे हालात हो गए। कोटा और पाली में लोग घरों में कैद हो गए। यहां कॉलोनियों में कमर तक पानी भर गया। पूरी खबर पढ़िए…
