टोंक-सवाई माधोपुर सांसद हरिश्चंद्र मीणा आज अपने कार्यकाल की पहली पूर्ण हुई दिशा की बैठक में शामिल हुए। अपनी ही पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव, पूर्व डिप्टी सीएम, टोंक विधायक सचिन पायलट और तीन बीजेपी से जीते विधायकों, जिला प्रमुख के बैठक में नहीं आने पर थोड़ा नाराज नजर आए। पत्रकारों से चर्चा के दौरान जब शहर की समस्या के बारे में सांसद से पूछा तो वे यह कहने से नहीं चूके कि जिला प्रमुख, चारों विधायक इस बैठक में शामिल होते तो बात कुछ और होती। अफसरों के सामने वे भी समस्याओं को रखते और यह पूछते कि जब शहर में ही पांच छह घंटे बिजली काटी जा रही है तो फिर ग्रामीण क्षेत्रों का क्या हाल होगा। उन्होंने कहा, जिला प्रमुख समेत चारों विधायकों को इस बैठक में आना चाहिए। यह जिले की जनहित समस्याओं को लेकर महत्वपूर्ण बैठक है। वे आते तो लोगों की समस्याओं को और मजबूती से उठाया जाता। मीटिंग और सार्थक होती । क्योंकि सरकार लोगों के लिए पॉलिसी बनाती है, लेकिन अफसर काम नहीं करना चाहते है। ऐसे उनकी (चारों मला, जिला प्रमुख) मौजूदगी से मीटिंग में कई समस्याओं का समाधान होता। मैं इन मुद्दों को लेकर राज्य सरकार से बात करूंगा। उन्होंने यह भी कहा कि अधिकारियों की मिलीभगत से जिले में अवैध बजरी खनन हो रही है। इस पर अकुंश लगना चाहिए, वरना पंचायती चुनाव आ रहे हैं, इनसे अपराध बढ़ेंगे। लड़ाई झगड़े करेंगे। सांसद मीना यहीं नहीं रुके, उन्होंने कहा, स्मार्ट मीटर पहले अधिकारियों के घरों और ऑफिसों में लगाया जाए। फिर पता लग जाएगा कि ये कितने फाइनदेमंद या कारगर है। सांसद मीणा ने कहा कि बिजली निगम ने गरीब लोगों पर बिजली चोरी के नाम पर वाहवाही लूट रही है लेकिन बड़े उद्योगों पर एक भी कार्रवाई नहीं की है जबकि डकैत तो वे (ओद्योगिक इकाईयों वाले) हैं। सांसद मीणा ने चिंता जताई कि ईसरदा जिले के इतना बड़ा प्रोजेक्ट है, उसके बाद उसका एक अधिकारी बैठक में नहीं आया। यह गंभीर मामला है। उन्होंने बजरी के अवैध खनन और परिवहन के लिए भी अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराते हुए जल्द ट्रैक्टर- ट्रॉलियों के खिलाफ हीं नहीं, बड़े डंपरों, ट्रॉलो के खिलाफ भी कार्रवाई करने के निर्देश दिए। मीना ने विभाग. वार समीक्षा की आधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। बैठक में सीईओ परशुराम धानका, एडीएम रामरतन सौकरिया, प्रधान उनियारा फूलबाई मीणा, सीएमएचओ शैलेंद्र चौधरी, पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. छोटू लाल बैरवा, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के उपनिदेशक करतार सिंह मीणा, कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक वीरेंद्र सिंह सोलंकी एवं एसीईओ ललित कुमार समेत सभी जिला स्तरीय अधिकारी मौजूद रहे।

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