orig 129 1 1719188918 5srVIr

राजस्थान में भीषण गर्मी की वजह से 691 में से 532 बांध सूख गए है, केवल 155 बांधों के केवल ‘पेंदे ’ में नाम मात्र का पानी है। केवल चार बांध अधिकांश भरे हुए हैं। प्रदेश के बांधों में पिछले साल की तुलना में 16 प्रतिशत पानी कम है। पिछले साल मानसून आने से पहले बांध 48.38 फीसदी भरे हुए थे। लेकिन बीते साल मानसून कमजोर होने व इस साल गर्मी तेज होने से वर्तमान में बांधों कुल 32 प्रतिशत पानी ही बचा है। जयपुर, अजमेर, टोंक व दौसा की 1.20 करोड़ आबादी की प्यास बुझाने वाले बीसलपुर बांध में भी केवल 26 प्रतिशत पानी है। जवाई बांध में केवल 16 फीसदी पानी है। इस पानी से पानी, सोजत व जैतारण की मात्र 60 दिन तक प्यास बुझाई जा सकती है। मानसून समय पर नहीं आया तो पानी की ट्रेन चलानी पड़ेगी। प्रदेश में 15 बांधों से जुड़ी सप्लाई वाले गांवों, कस्बों व शहरों में पेयजल संकट के आसार हो गए है। मारवाड़-ढूंढाड़ के बांध ज्यादा सूखे
जल संसाधन विभाग पांच जोन है। इसमें से मारवाड़ (जोधपुर) व ढूंढाड़ (जयपुर) जोन के बांध सबसे ज्यादा सूखे है। यहां पर साल की तुलना में आधा पानी भी नहीं है। जयपुर जोन के बांधों में केवल 15.73 प्रतिशत और जोधपुर जोन के बांधों में केवल 7.92 फीसदी पानी ही है। सबसे ज्यादा ज्यादा 52.83 प्रतिशत पानी कोटा जोन के बांधों में है। बांसवाड़ा जोन के बांधों में 33.82 व उदयपुर जोन के बांधों में 21.01 प्रतिशत पानी है। बांध नहीं भरे तो सिंचाई और पेयजल पर संकट
प्रदेश में पेयजल से जुड़े बीसलपुर, जवाई बांध, माही बांध, रायपुर लूणी (पाली), ल्हासी बांध (बारां), नंदसमंद (राजसमंद), स्वरूप सागर (उदयपुर), जाखम बांध, चिकलियावास, मेजा बांध, सहित अन्य बांधों में कम पानी है। राजसमंद बांध, गंभीरी बांध, बाघेरी का नाका में भी कम पानी है। बड़े बांधों में केवल 45.50% पानी
प्रदेश के 22 बड़े बांधों में केवल 45.50 प्रतिशत पानी है। इन बांधों की क्षमता 8104.66 एम.क्यूएम है, जबकि इनमें पानी 3687.86 एम.क्यूएम ही है। जयपुर का रामगढ़, छापरवाड़ा, कालख सागर सूखे पड़े है। वहीं टोंक के टोरड़ी सागर, डीग के सिकरी बांध व पानी के सरदार समंद बांध में एक बूंद भी पानी नहीं है। भीलवाड़ा के मेजा बांध, बूंदी के गुढा बांध व बांसवाड़ा के हीरो बांध में नाममात्र का पानी है। प्रदेश के छोटे 408 में से 351 बांध बिलकुल खाली पड़ी है।

By

Leave a Reply