अलवर कलेक्टर आशीष गुप्ता की शुक्रवार की जनसुनवाई में जिले भर से लोग परिवेदना लेकर पहुंचे। सावड़ी से एक रंग के कपड़े पहनकर आई महिलाओं ने कहा कि कलेक्टर साहब दो-चार घंटे ही बिजली आती है। रात को 10 बजे जाने के बाद सुबह आती है। वहीं सावड़ीबास-धवाला के लोगों ने कहा कि अफसर अतिक्रमण हटाने के नाम पर दिखावा करके आ गए। जनता को पैदल जाने का रास्ता भी नहीं मिल रहा। वहीं ठेकड़ा के ग्रामीणों ने कहा कि बोरवैल खराब हो गए। गांव से निकल रहा रास्ता जर्जर है। बिजली की कटौती बहुत अधिक है। कोई सुध नहीं ले रहा है। ठेकड़ा ग्रामीणों ने कहा कि विजयमंदिर से उलाहेड़ी वाले रास्ते को दुरुस्त नहीं किया गया। थ्री फेज के बोरवैल सूख गए। नए बोरवैल करने की जरूरत है। 24 घंटे में से 2 से 3 घंटे ही बिजली आती है। गरीब व मजदूर लोग परेशान हैं। अभी कलेक्टर ने समस्या का समाधान करने का आश्वासन दिया है। वरना आगे ग्रामीण रोड पर आने को मजबूर होंगे। ग्राीणों ने कहा कि विजय मंदिर से छठी मील तक जर्जर रोड पड़ा है। कोई सुध नहीं ले रहा है। रात को 10 बजे लाइट चली जाती है। घरों में आमजन का रहना मुश्किल हो गया है। एक रंग के कपड़े पहनकर पहुंची महिलाएं उमरैण के निकट सावड़ी गांव से महिलाएं एक ही रंग के कपड़े पहन कर परिवारदी बनकर कलेक्टर की जनसुनवाई में पहुंची। वहां जिला प्रमुख ने उनकी समस्या सुनी। महिलाओं ने बताया कि बिजली गुल इतनी अधिक होती है कि बच्चों का रहना मुश्किल हो गया है। घरों में काम छूट जाते हैं। रात को लाइट जाने से नींद नहीं ले सकते। गर्मी के कारण हाल बेहाल हैं। कोई सुनने वाला नहीं है जीवनसिंह पुरा से आगे रास्ता बंद उमरैण से आगे सावड़ीबास-धवाला से रास्ता जीवन सिंह की ढाणी तक है। लेकिन आगे रास्ता बंद है। बीच में प्रशासन रास्ता खुलवाने भी गया। उसके बावजूद भी आधा अधूरा काम कर खाना पूर्ति कर आ गए। अब पैदल भी नहीं जा पा रहे। वैसे पुराना सरकारी रास्ता है। लेकिन कुछ लोगों ने अवैध कब्जे किए हुए हैं। जिनकी पहुंच प्रशासन तक है। अतिक्रमण हटाने जाने वाला प्रशासन अतिक्रमी के घर जाकर चाय पीते हैं। अब जनता में गुस्सा है। जल्दी इस मसले का समाधान नहीं किया गया तो लोग रोड पर आने को मजबूर हो जाएंगे।। अलवर शहर में लाल डिग्गी के पास से अतिक्रमण की समस्या लेकर आए परिवादी सीताराम सैनी और नगर निगम आयुक्त के बीच बहस हो गई। आखिर में आयुक्त ने परिवादी की नहीं सुनी। परिवादी के साथ आए टीकम चंद सैनी ने बताया कि 25 बार शिकायत दे चुके हैं। लेकिन समस्या का समाधान नहीं है। यहां जनसुनवाई के नाम दिखावा है। अब तो परिवादी को अपराधी कहने लगे हैं।