मेघालय सरकार ने 19 जुलाई को जानकारी दी कि 200 से ज्यादा भारतीय नागरिक डॉकी इन्टीग्रेट बॉर्डर से भारत की सीमा में दाखिल हो चुके हैं। इनमें 198 भारतीय स्टूडेंट्स शामिल हैं।
इनमें 67 स्टूडेंट्स सिर्फ मेघालय से हैं। गृह मंत्रालय ने जानकारी दी कि इसके अलावा 101 स्टूडेंट्स नेपाल के और 7 भूटान के हैं। जबकि 23 स्टूडेंट्स देश के बाकी राज्यों से हैं। हिंसा को लेकर एक हेल्पलाइन नंबर 1800 345 3644 भी एक्टिव किया गया है।
दरअसल बांग्लादेश में नौकरी में कोटा सिस्टम को लेकर स्टूडेंट्स सड़कों पर निकल आए हैं और विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।

कोटा सिस्टम को लेकर हो रहा विरोध
18 जुलाई को प्रदर्शनकारियों ने पुलिस का पीछा करते हुए ढाका में BTV के हेडक्वार्टर में आग लगा दी और 60 से ज्यादा गाड़ियां जला दीं।
इन हिंसक प्रदर्शन में अब तक 39 लोगों की मौत हो चुकी है और 2500 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं।
एक दिन पहले प्रधानमंत्री शेख हसीना ने BTV को इंटरव्यू दिया था और बढ़ते संघर्ष को शांत करने के लिए BTV नेटवर्क पर आकर शांति बरतने की बात कही थी।
ढाका और कई शहरों में यूनिवर्सिटीज के सैकड़ों स्टूडेंट्स कई हफ्तों से रैलियां निकाल रहे हैं और सरकारी नौकरी में नौकरियों में रिजर्वेशन का विरोध कर रहे हैं, जिसमें 1971 में पाकिस्तान से देश की आजादी के लिए लड़ने वाले सेनानियों के रिश्तेदारों के लिए रिजर्वेशन भी शामिल है।
1972 में शुरू हुआ था कोटा सिस्टम
2018 में जब इस सिस्टम को खत्म कर दिया गया था तो 56% सरकारी नौकरियों पर आरक्षण था। स्टूडेंट्स के प्रदर्शन का विरोध करने की वजह ये है कि उनका मानना है रिजर्वेशन उनके लिए मौके कम कर देगा और उनका नुकसान होगा।

भारतीय नागरिकों से घर से न निकलने की एडवाइजरी
बांग्लादेश में भारतीय नागरिकों को सलाह दी गई है कि वे यात्रा करने से बचें और अपने घर से बाहर कम से कम निकलें।
ढाका में इंडियन हाई कमिश्नर ने एक एड्वाइजरी जारी की है और कहा, ‘बांग्लादेश में चल रही स्थिति को देखते हुए, भारतीयों से और बांग्लादेश में रहने वाले इंडियन स्टूडेंट्स को सलाह दी जाती है कि वे कहीं आने जाने से से बचें और अपने घर से कम से कम निकलें।’

प्रधानमंत्री शेख हसीना ने कहा न्याय मिलेगा
पिछले महीने बांग्लादेश न्यायालय द्वारा सरकारी नौकरियों के लिए कोटा सिस्टम को बहाल करने के बाद विरोध प्रदर्शन शुरू हुए थे, जिसमें प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार ने इसे खत्म करने के 2018 के फैसले को पलट दिया था। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने सरकार की अपील के बाद हाईकोर्ट के आदेश को सस्पेंड कर दिया और सरकार के चैलेंज पर सुनवाई के लिए 7 अगस्त की तारीख तय की है।

हसीना ने आरक्षण विरोध प्रदर्शन में हुए जानमाल के नुकसान पर दुख जताया और उन्होंने छात्रों से अपील कि थी कि वे उपद्रवियों को स्थिति का फायदा उठाने का मौका न दें। प्रधानमंत्री ने कहा कि जिन लोगों ने हत्याएं की हैं, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया है, उन्हें कटघरे में लाया जाएगा, चाहे वे किसी भी पार्टी से जुड़े हों।