भास्कर न्यूज| जोधपुर दईजर लाछा बासनी स्थित संवित धाम आश्रम में परमहंस संविदाचार्य स्वामी ईश्वरानंद गिरि के आदमकद विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा शुक्रवार को हुई। देशभर के साथ विदेशों से भी 15 से 20 संत शामिल हुए। स्वामी संवित नारायण गिरि महाराज के सान्निध्य में सुबह हवन किया गया। मंदिर परिसर में ध्वजारोहण करते हुए शोभायात्रा निकाली गई, जिसमें महिलाएं सिर पर कलश धारण कर पवित्र जल लेकर आईं। वहीं आश्रम में ही गुरु करुणालय मंदिर का लोकार्पण करते हुए प्राण-प्रतिष्ठा की गई और शनिवार को दक्षिणामूर्ति हवन और व्यास मंडल का पूजन किया जाएगा। संवित साधनायन संस्थान की अध्यक्ष रानी उषा देवी के निर्देशन में हुई प्रतिष्ठा में मुख्य आचार्य अग्निहोत्री पंडित नवरतन व्यास के वैदिक मंत्रोच्चार के साथ महाराज की शिला पर बैठी आदमकद प्रतिमा स्थापना हुई। यह प्रतिमा करीब डेढ़ टन वजनी होने के साथ ही इसे सिंहासन पर विराजित कर संतों के सान्निध्य में अभिषेक किया गया और इत्र सहित शृंगार करते हुए भगवा वस्त्र भी धारण करवाए गए। संस्थान के उपाध्यक्ष दिनेशचंद्र सिंघल और डॉ सीएस कल्ला ने बताया कि तीन दिवसीय प्रतिष्ठा हवन से पहले प्रतिमा को धान में ढंककर रखा गया था। स्वामी ईश्वरानंद महाराज की प्रतिमा स्थापना समारोह के दौरान 108 तरह की औषधियों से अभिषेक करने के साथ ही दोपहर सवा 1 बजे प्रतिष्ठा की गई। सुबह 8 बजे शुरू हुए हवन में दक्षिणामूर्ति भगवान की आहुतियां, अर्धनारीश्वर हवन के साथ दुर्गाशप्तसती की आहुतियां देते हुए लघु रूद्र हवन और 1008 शिव गुरुनाम की आहुतियां भी दी गई। इसके पश्चात देशभर से आए संतों ने वैदिक अभिषेक करते हुए विशिष्ट न्यास प्राणों का आह्वान करते हुए किया किया। वहीं समारोह में शामिल होने के लिए अजमेर, फलोदी, दिल्ली, जयपुर, बड़ौदा, सूरत, यूएस, अमेरिका से श्रद्धालु शामिल हुए।

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