चित्तौड़गढ़ सांसद सीपी जोशी ने सोमवार को संसद में भक्त शिरोमणि मीराबाई के स्मारक बनाने और चित्तौड़गढ़ दुर्ग पर वैकल्पिक रास्ता बनाने का मुद्दा उठाया है। उन्होंने कहा कि चित्तौड़गढ़ दुर्ग पर मीराबाई, मां पन्ना, रानी पद्मावती और महाराणा प्रताप का गौरवशाली इतिहास रहा है। ऐसे में चित्तौड़गढ़ में मीराबाई का एक स्मारक भी बनाया जाना चाहिए।
वहीं उन्होंने चित्तौड़गढ़ दुर्ग पर जाने का एक वैकल्पिक मार्ग बनाने की मांग की है। इस पर कल्चर मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने आगामी आने वाले दिनों में मीराबाई के जन्म जयंती वर्ष के उपलक्ष्य में आयोजन होने की बात कही है। ‘गढ़ तो गढ़ चित्तौड़गढ़ बाकी सब गढ़ैया’ कहावत से की शुरुआत
चित्तौड़गढ़ सांसद और बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी ने संसद में सोमवार को चित्तौड़गढ़ दुर्ग को लेकर 2 मुद्दे उठाए हैं। उन्होंने संसद में “गढ़ तो गढ़ चित्तौड़गढ़ बाकी सब गढ़ैया” कहावत से अपनी बात की शुरुआत की। उन्होंने आगे कहां कि चित्तौड़गढ़ किला एशिया का सबसे बड़ा किला है। मीराबाई, मां पन्ना, रानी पद्मावती और महाराणा प्रताप का गौरवशाली इतिहास इस किले से जुड़ा हुआ है।
सांसद जोशी ने कल्चर मिनिस्टर गजेंद्र सिंह शेखावत से प्रश्न पूछा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मीराबाई के 525वीं जयंती वर्ष पर बड़े-बड़े स्थान पर प्रोग्राम करवाए हैं। चित्तौड़गढ़ में भी मीराबाई के नाम पर बड़ा स्मारक बने, यह सबसे इच्छा है। इसके अलावा चित्तौड़गढ़ दुर्ग पर जो वैकल्पिक मार्ग लंबे समय से मांग की जा रही है। उस पर सरकार क्या विचार कर रही है। आगामी दिनों में होने वाला है मीराबाई से जुड़े प्रोग्राम
इस पर कल्चर मिनिस्टर शेखावत में कहा कि यह एक महत्वपूर्ण विषय है। भक्त शिरोमणि मीराबाई के 525वीं जन्म जयंती वर्ष मंत्रालय आयोजित करवा रहा है। मीराबाई से जुड़े 4 स्थानों जहां उनका जन्म हुआ मेड़ता, जहां उनकी शादी हुई चित्तौड़गढ़, जहां उन्होंने भक्ति की वृंदावन और जहां उन्होंने ईश्वर में एक जाकर हुई द्वारिका में बड़े आयोजन किया जा रहे हैं।
इसमें से 3 स्थानों पर प्रोग्राम हो चुके हैं। जबकि चित्तौड़गढ़ में आगामी 21, 22 और 23 तारीख को बड़ा प्रोग्राम होना है। उन्होंने स्मारक बनाने की बात पर कहा कि अभी तक ऐसा कोई भी प्रस्ताव मंत्रालय के पास विचाराधीन नहीं है। कलेक्टर ने भी लिखा दुर्ग पर जाने का वैकल्पिक मार्ग
मंत्री शेखावत में कहा कि इसके अलावा दुर्ग पर वैकल्पिक मार्ग को लेकर जिला कलेक्टर ने भी पत्र लिखा है और सांसद ने भी पत्र लिखा है। उसे पत्र के आधार पर राज्य सरकार से एक सजेस्टिव डीपीआर बनाने का आग्रह किया है कि वह भेजें।
उसके बाद मॉन्यूमेंट्स प्रोटेक्शन एक्ट के प्रावधान के अनुरूप विचार कर कोई निर्णय कर पाएंगे। यह विषय अभी प्रारंभिक अवस्था में है, इसलिए इस पर कोई भी टिप्पणी करना सही नहीं होगा।