जमादार से लेकर एसआर्ई तक को अधिकार: नगर निगम सेक्टर पर लगे सेनेट्री इंस्पेक्टर और वार्डों में लगे जमादारों को जुर्माना वसूलने के अधिकार देगा। इनके पास चालान बुक रहेगी, जो जुर्माना वसूलने के बाद रसीद देंगे। यदि सबूत के तौर पर फोटोग्राफी या वीडियोग्राफी की जरुरत होगी तो वह भी की जाएगी। उत्तर नगर निगम के स्वास्थ्य अधिकारी तनुज शर्मा का कहना है कि इसके पीछे उद्देश्य आमजन को सफाई के प्रति सचेत करना और शहर साफ रखना है। इस तरह से हर गलती पर जुर्माना श्रेणी { जुर्माना राशि प्रति बार रुपए में – सार्वजनिक स्थान पर थूकने पर – 200 { मकान के बाहर कचरा फैलाने पर – 100 – दुकान के बाहर कचरा फैलाने पर – 1000 – रेस्टोरेंट-होटल के बाहर कचरा फैलाने पर – 2000 – उद्योग के बाहर कचरा फैलाने पर – 5000 का जुर्माना लगेगा। सिटी रिपोर्टर । कोटा गुटखा खाकर सार्वजनिक स्थानों पर थूकने, सड़कों और घरों के आसपास कचरा डालने वाले आदतें सुधार लें। ऐसी आतद जेब पर भारी पड़ने वाली है। कचरा उठाने का शुल्क लगाने के साथ ही अब उत्तर नगर निगम सफाई में सहयोग नहीं करने वालों, गंदगी फैलाने वालों से जुर्माना वसूलने की तैयारी में है। राज्य सरकार पहले ही जुर्माना राशि तय कर चुकी है, लेकिन अब तक नियम को सख्ती से लागू नहीं किया था। अब जब सफाई व्यवस्था का खर्च खुद नगर निगम को वहन करना है तो वसूली भी की जाएगी। इसके दायरे में हर व्यक्ति, होटल, रेस्टोरेंट व उद्योग तक शामिल हैं। जुर्माना 200 रुपए से लेकर 5 हजार रुपए तक होगा।