बांदीकुई से बीजेपी विधायक भागचंद टाकड़ा ने अपनी ही सरकार के वन विभाग पर वसूली करने के आरोप लगाए हैं। विधायक ने सोमवार को विधानसभा में वन एवं पर्यावरण विभाग की अनुदान मांगों पर बोलते हुए कहा- उनके विधानसभा क्षेत्र में वन-कर्मियों द्वारा चौथ वसूली की जा रही है। बजरी के ट्रैक्टर को मिट्टी की ट्रैक्टर-ट्रॉली बताकर कम जुर्माना लगाया जाता है। वहीं, ट्रैक्टर मालिक से 50-50 हजार रुपए की रिश्वत ली जाती है। उन्होंने कहा- इस पूरे प्रकरण में वन कर्मियों के साथ-साथ रेंजर राजेश कुमार शर्मा भी शामिल हैं। विधायक ने कहा- जब मैने इस चौथ वसूली का विरोध किया तो वन विभाग ने मेरे खिलाफ ही राजकार्य में बाधा डालने और मारपीट सहित विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज करवा दिया। उन्होंने वन मंत्री संजय शर्मा से इस पूरे प्रकरण में कार्रवाई करने की मांग की। सीजर की कार्रवाई के बाद पैसे लेकर होता है समझौता
विधायक भागचंद टांकड़ा ने कहा- दौसा जिले में वन विभाग के अधिकारी सीजर की कार्रवाई करने के बाद कई-कई दिनों तक चालान पेश नहीं करते हैं। नियम है कि सीजर की कार्रवाई के बाद 24 घंटे में चालान पेश करना होता है। लेकिन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी पैसा लेकर समझौता करने में लगे रहते हैं। समझौता नहीं होने पर चालान पेश किया जाता हैं। यही वजह है कि 12 अप्रैल, 13 अप्रैल, 16 अप्रैल को जिन वाहनों पर सीजर की कार्रवाई की गई। उनके खिलाफ 20 अप्रैल को चालान पेश किया गया। जबकि नियमों के तहत अगले 24 घंटे में ही उनके खिलाफ चालान पेश किया जाना चाहिए था। मेरे खिलाफ कराया मामला दर्ज
विधायक टांकड़ा ने कहा- 6 अप्रैल को वन विभाग द्वारा अवैध वसूली की सूचना मिली थी। जब मैं वहां पहुंचा तो वनकर्मी एक ट्रैक्टर को जबरन पकड़ने की कोशिश कर रहे थे। ट्रैक्टर ने एक मोटरसाइकिल को टक्कर भी मार दी थी। मौके पर वनकर्मियों की जेब से पैसे भी मिले। हमने मौके पर स्थानीय पुलिस को बुलाकर रिपोर्ट भी दर्ज करवाई। इस पर उलटा वन विभाग की ओर से कोर्ट (इस्तगासे) के जरिए मेरे ऊपर राजकार्य में बाधा डालने का मामला दर्ज करा दिया गया। दरअसल, रेंजर राजेश कुमार शर्मा ने विधायक व उनके साथियों पर मामला दर्ज करवाया था। इसमें कहा था कि सीज ट्रैक्टर को सुरक्षाकर्मी जगदीश प्रसाद मीना बसवा थाने लेकर जा रहे थे। रास्ते में विधायक भागचंद टांकड़ा सहित 60-70 लोग आ गए। विधायक ने ट्रैक्टर छोड़ने के लिए कहा। वन कर्मियों ने कहा- ट्रैक्टर कानूनी प्रक्रिया के तहत ही छूट पाएगा। इस पर विधायक और उनके साथी भड़क गए। उन्होंने वनकर्मियों के साथ हाथापाई, धक्का-मुक्की की। वहीं, मारपीट पर उतारू होकर अभद्रता करने लगे। शिकायत में कहा गया कि आरोपियों ने उनकी जेब में जबरने पैसे रखे। वहीं कपड़ों पर शराब डालकर जबरन मेडिकल करवाया।
