comp 25 1737647002 DC1wfw

पीकेसी-ईआरसीपी परियोजना को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष में बयानबाजी जारी है। बुधवार को सरकार ने इस परियोजना का नाम बदलकर रामजल सेतु लिंक परियोजना रखा है। जिसके बाद पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने बयान जारी करते हुए कहा कि सरकार ने परियोजना पर एक पैसे का नया काम नहीं कराया। केवल वोट के लिए नया कवर चढ़ाया दिया। इस पर पलटवार करते हुए जल संसाधन मंत्री सुरेश रावत ने डोटासरा को झूठ का ढोल बता दिया। रावत ने कहा कि डोटासरा झूठ का ढोल हैं, इन्हें कोई भी बजा जाता है। डोटासरा ऐसे झूठ के ढोल से अपनी भद्द पिटवा रहे हैं। इन्हें अपने गिरेबां में झांकना चाहिए। इनकी अतिवादी मानसिकता के कारण आज कांग्रेस की यह दुर्दशा हुई है। कांग्रेसियों को राम के नाम से भी चिढ़
मंत्री रावत ने कहा कि राजस्थान और मध्यप्रदेश के बीच नदी जोड़ो परियोजना में राजस्थान का “रा” और मध्यप्रदेश का “म” शब्द लिया गया है। लेकिन कांग्रेसियों को तो राम के नाम से भी चिढ़ है। इन्होंने ईआरसीपी को कभी कोई बजट नहीं दिया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 17 दिसम्बर 2024 को परियोजना के 10 हजार करोड़ के कार्यों का शिलान्यास किया। ईआरसीपी परियोजना को भारत सरकार की पीकेसी नदी जोड़ो परियोजना के साथ एकीकृत कर संशोधित पीकेसी परियोजना तैयार की गई है। जिसको नदी जोड़ो परियोजना को दर्जा दिया गया। भारत सरकार नदी जोड़ो परियोजना को राष्ट्रीय महत्व का मानती है। 17 जिलों को मिलेगा पीने और सिंचाई का पानी
मंत्री रावत ने कहा कि इस परियोजना से प्रदेश की 40 प्रतिशत आबादी को पेयजल एवं सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध हो सकेगा। इस लिंक परियोजना में चंबल और इसकी सहायक नदियों कुन्नू, कूल, पार्वती, कालीसिंध और मेज के सरप्लस बरसात जल को बनास, मोरेल, बाणगंगा, रूपारेल, पार्वती, गंभीर नदी बेसिनों में भेजा जाएगा। इस परियोजना से 4102 मिलियन क्यूबिक मीटर जल उपलब्ध हो सकेगा। इससे राजस्थान के 17 जिलों में साल 2054 तक पेयजल उपलब्धता सुनिश्चित होगी। इसमें लगभग सवा तीन करोड़ लोगों को पेयजल की उपलब्धता के साथ-साथ लगभग चार लाख हैक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई के लिए पानी की उपलब्धता हो सकेगी।

By

Leave a Reply

You missed