जोधपुर के एक न्यूरो सर्जन को निवेश कर बड़े मुनाफे का झांसा देकर साइबर क्रिमिनल्स ने अपने जाल में फंसाया और महज एक-डेढ़ दिन में ही निवेश करवाकर 62 लाख 80 हजार रुपए दूसरे खातों में ट्रांसफर करवा लिए। बाद में खुद के साथ हुई ठगी का अहसास होने पर डॉक्टर ने भगत की कोठी थाने में एफआईआर दर्ज कराई। भगत की कोठी थानाधिकारी राजीव भादू ने बताया कि क्षेत्र के कृष्णा नगर निवासी डॉ. तेजपाल फिड़ौदा पुत्र अमरसिंह की ओर से रिपोर्ट दी गई है। इसमें डॉ. फिड़ौदा ने बताया कि उन्हें 3 जनवरी को ही वॉट्सएप पर SCIATOP नामक ऐप और ग्रुप जॉइन करने का लिंक मिला था। इस पर क्लिक करके उन्होंने ग्रुप जॉइन कर ऐप भी इंस्टॉल कर लिया। वॉट्सएप ग्रुप के पांच एडमिन थे, जिनमें दो मुख्य एडमिन के मोबाइल नंबर 9973339746 और 7898103479 थे, जबकि तीन अन्य नंबर 7357070457, 8624901375, 7304417998 भी थे। इनमें से परिवादी डॉक्टर से निहारिका तिवारी और सौरभ जैन से होती थी। शातिरों ने डॉक्टर को एक स्टैंडो चोर्टड वेल्थ ग्रुप बना रखा था, जिस पर वो सभी तरह के निवेश की जानकारी देते थे। इंस्टीट्यूशनल अकाउंट में जमा कराने के बहाने ट्रांसफर कराए रुपए शातिरों ने डॉक्टर से कहा- वे आपका पैसा कंपनी के इंस्टीट्यूशनल अकाउंट में जमा करेंगे और उस राशि को शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करके चार महीनों में कई गुना ज्यादा प्रोफिट देंगे। यहां तक कि शातिरों ने डॉक्टर से डीमेट अकाउंट से ट्रेडिंग के लिए भी मना कर दिया और अपने मोबाइल व SCIATOP में इंस्टीट्यूशनल ट्रेडिंग अकाउंट खोल दिया। इन्हीं में ओटीसी, आईपीओ व इंस्टीट्यूशनल ट्रेडिंग में पैसे लगवाते रहे। आरोपी खुद को स्टैंडर्ड चार्टड बैंक के स्टैंडर्ड चार्टड वैल्थ फंड से जुड़ा बताते रहे। इसकी आड़ में शातिर धीरे-धीरे डॉ. फिड़ौदा से अपने खातों में रुपए ट्रांसफर कराते रहे। रुपए फ्रीज कर निकालने के लिए और डिमांड शातिर गिरोह ने अलग-अलग खातों में रुपए ट्रांसफर कराए और बाद में उस राशि को फ्रीज बताते हुए वापस निकालने के लिए और रुपए ट्रांसफर करने का दबाव बनाने लगे। तब डॉक्टर को अहसास हुआ कि वे किसी गिरोह के जाल में फंस चुके हैं। पुलिस ने पूछा तो सामने आई लाखों की ठगी भगत की कोठी पुलिस ने डॉक्टर की रिपोर्ट लेकर उनसे घटनाक्रम के बारे में भी पूछा, तब डॉक्टर फिड़ौदा ने बताया कि धोखाधड़ी वॉट्सएप पर 3 जनवरी को मिले लिंक के जरिए शुरू हुई। शातिरों ने आईपीओ व अन्य निवेश के नाम पर विश्वास में लेते हुए कुल 62 लाख 80 हजार रुपए हड़प लिए। पुलिस अब मामले की जांच में कर रही है।