बुधवार को पद्म विभूषण डॉ. आर. ए. माशेलकर ने IIHMR यूनिवर्सिटी के वार्षिक सम्मेलन ‘एकत्व 2025’ में विकसित भारत के लिए महत्वपूर्ण संदेश दिया। उन्होंने कहा कि देश को जुगाड़ की मानसिकता से आगे बढ़कर क्रांतिकारी नवाचारों की ओर बढ़ना होगा। स्वास्थ्य क्षेत्र में नवीनतम तकनीकी विकास पर केंद्रित इस सम्मेलन में एआई आधारित डायग्नोस्टिक उपकरणों, मरीज निगरानी प्रणाली और मातृ स्वास्थ्य तकनीकों पर विशेष चर्चा हुई। डॉ. माशेलकर ने युवाओं का आह्वान करते हुए कहा कि विकसित भारत 2047 की जिम्मेदारी उनके कंधों पर है। उन्होंने जोर देकर कहा कि सीमित संसाधनों में अधिक लोगों के लिए नवाचार करना और गरीबों के लिए उच्च तकनीक विकसित करना आज की जरूरत है। IIHMR यूनिवर्सिटी के प्रेसिडेंट डॉ. पी. आर. सोडानी ने संस्थान के 40 वर्षों की यात्रा का जिक्र करते हुए बताया कि उनके पूर्व विद्यार्थी स्वास्थ्य क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि संस्थान राष्ट्र निर्माण के लिए आवश्यक शोध कार्यों में निरंतर प्रगति कर रहा है। कार्यक्रम में स्वास्थ्य सेवाओं को अधिक प्रभावी, किफायती और सुलभ बनाने पर विशेष ध्यान दिया गया, साथ ही युवा उद्यमियों को बड़े पैमाने पर लागू किए जा सकने वाले स्वास्थ्य समाधानों के विकास के लिए प्रेरित किया गया। इस आयोजन में 150 से अधिक पूर्व छात्रों ने भाग लिया। उन्होंने अपने सहपाठियों के साथ अपने अनुभव साझा किए और यूनिवर्सिटी की उत्कृष्ट शैक्षणिक विरासत का उत्सव मनाया। यह आयोजन पूर्व छात्रों और संस्थान के बीच मजबूत संबंधों का प्रतीक बना। कार्यक्रम में सांस्कृतिक प्रस्तुतियों को पेश करा गयाI