मथुरा से लोकसभा सांसद हेमा मालिनी ने राजस्थान के एक बिजली कर्मचारी के ट्रांसफर की सिफारिश की है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को लिखे लेटर में मथुरा सांसद ने इस विषय पर सहानूभुतिपूर्वक विचार करने के लिए लिखा है। जिस कर्मचारी निरंजन के लिए लेटर लिखा गया है उसका कहना है कि डिजायर उसकी बीमार पत्नी ने की थी। इस मामले में राजस्थान के ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने कहा कि इस पर फैसला सीएमओ और एमडी स्तर पर होगा। क्या है पूरा मामला? बिजली विभाग के कर्मचारी निरंजन भरतपुर के रहने वाले हैं। अभी उनकी पोस्टिंग हिंडौन सिटी (करौली) के राजस्थान राज्य विद्युत प्रसारण निगम लिमिटेड में है। निरंजन ने बताया कि उनके मामा मनोज सिंह ने उन्हें गोद लिया था। अप्रैल 2017 में उनके मामा की मौत हो गई थी। इसके बाद 1 दिसंबर 2017 को अनुकंपा पर उनकी नियुक्ति की गई। तब से वे हिंडौन में हेल्पर ग्रेड-2 के पद पर हैं। निरंजन का कहना है कि उसकी पत्नी मथुरा की रहने वाली हैं। पत्नी बीमार रहती है और एक छोटी बच्ची है। ये बात हेमा मालिनी को बताते हुए ट्रांसफर की सिफारिश की थी। पत्नी का पीहर मथुरा में, इसलिए वहां सिफारिश- निरंजन निरंजन ने बताया- उनकी पत्नी पूनम का पीहर मथुरा में है। उसकी खुद की तबीयत लंबे समय से खराब चल रही है और परिवार की देखरेख सही से नहीं हो पा रही थी। इसी कारण उनकी पत्नी पूनम अपने भाई के साथ मथुरा सांसद हेमा मालिनी के कार्यालय पहुंची। मेरी किसी बड़े लोगों से जान पहचान नहीं है। इसलिए मेरा ट्रांसफर नहीं हो पा रहा था। परिवार में माता पिता की पहले ही मृत्यु हो चुकी है। फैमिली में एक 8 साल की बेटी और पत्नी है। ऐसे में बच्ची की भी सही से देखभाल नहीं हो पा रही है। हमारी पारिवारिक स्थिति को बताते हुए पत्नी ने ट्रांसफर के लिए निवेदन किया था। हेमा मालिनी ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र इसके बाद हेमा मालिनी ने (Ref.No.MPO/5146/25-26/MTR, दिनांक 3 फरवरी 2025) लेटर लिखा। इसमें लिखा गया- पूनम ने अपने पति के ट्रांसफर के लिए आवेदन किया है। उन्होंने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया कि पारिवारिक परिस्थिति को देखते हुए निरंजन का ट्रांसफर भरतपुर कर दिया जाए। वहीं, मुख्यमंत्री कार्यालय और बिजली विभाग की ओर से इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। वहीं ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर का कहना है कि इस संदर्भ में कोई जानकारी हमें प्राप्त नहीं हुई है। यदि लेटर सीएम साहब के नाम से आया है तो सीधे सीएमओ से एमडी को जाएगा। वहीं, से फैसला होगा कि इस पर क्या करना है। राजस्थान में फिलहाल ट्रांसफर बैन राजस्थान में 15 जनवरी को सरकार ने ट्रांसफर पर बैन लगा दिया था। फिलहाल किसी भी विभाग में ट्रांसफर नहीं किए जा रहे हैं। हालांकि, मुख्यमंत्री के स्तर पर ट्रांसफर किया जा सकता है।