जयपुर के सवाई मानसिंह हॉस्पिटल में करीब महीने पहले शुरू हुआ इमरजेंसी के विस्तार का काम रुक गया। पिछले 10-15 दिन से काम बंद पड़ा है और उसके पीछे कारण वहां हुई तोड़फोड़ में निकला स्क्रैप (कबाड़ का सामान) की नीलामी न होना है। इस कारण न केवल काम बंद है बल्कि इससे प्रोजेक्ट की लागत के बढ़ने की आशंका है। एसएमएस की मैन बिल्डिंग में बनी इमरजेंसी के पास पिछले साल नवंबर में तोड़फोड़ करके इमरजेंसी के विस्तार के लिए बनाए प्रोजेक्ट का काम शुरू किया गया। इस प्रोजेक्ट पर करीब 12 करोड़ रुपए की लागत आएगी। इसमें 70 बैड की व्यवस्था की जाएगी। विस्तार के बाद इसी जगह पर जनरल और आईसीयू वार्ड बनाकर सेंट्रल लैब बनाने की योजना प्रस्तावित है। इमरजेंसी में आने वाले मरीजों के ब्लड सैंपल की जांच भी यहीं हो सके। लेकिन काम शुरू होने के दो महीने बाद ही ये बंद हो गया। इसके पीछे कारण यहां बनी दुकान और गुमटियों को तोड़ने के बाद निकला स्क्रैप है। इसे बेचने के लिए एसएमएस हॉस्पिटल प्रशासन ने टेंडर किया। टेंडर प्रक्रिया में देरी के चलते यहां फाउंडेशन भरने के बाद अब मौके पर काम बंद पड़ा है। इससे न केवल अब प्रोजेक्ट की लागत बढ़ने का अनुमान है और बल्कि प्रोजेक्ट के भी देरी से पूरा होने की आशंका है। 10 फरवरी को होगी नीलामी
टेंडर करने वाले ऑफिशियल इंचार्ज डॉ. अनिल दुबे ने बताया- टेंडर कर दिए है और 10 फरवरी को नीलामी करके स्क्रैप का डिस्पोजल कर दिया जाएगा। प्रोजेक्ट का काम अभी आरएसआरडीसी के जरिए करवाया जा रहा है। अभी जगह छोटी, 5 कैबिन, एक सीपीआर रूम और एक माइनर ओटी
वर्तमान में इमरजेंसी में 5 कैबिन हैं, जिसमें एक साथ 10 मरीजों को बैड या स्ट्रेचर पर लैटाकर ट्रीटमेंट दिया जाता है। इसके अलावा सीपीआर रूम में भी एक समय में 2 मरीजों और छोटी माइनर ओटी में 2 मरीज और कैबिन के बाहर की जगह 4 मरीजों को ट्रॉली पर लेटाकर ट्रीटमेंट दिया जाता है।