बॉलीवुड की लीजेंडरी प्लेबैक सिंगर स्वर साम्राज्ञी लता मंगेशकर की बरसी पर संगीत आश्रम संस्थान की ओर से गुरुवार को एक शाम लताजी के नाम सांस्कृतिक संध्या आयोजित की गई। कार्यक्रम में शहर के वरिष्ठ गायक और संगीत निर्देशक अमित अनुपम ने अपनी सुरीली आवाज में लताजी के गाए चुनिंदा गीतों की प्रस्तुति देकर संगीतमय माहौल बना दिया। की-बोर्ड पर वत्सल अनुपम और गिटार पर दिशा शर्मा ने प्रभावी संगत की। सिंगर अमित अनुपम ने बताया- पिछले दो दशकों से बॉलीवुड के लेजेंडरी प्लेबैक सिंगर्स और संगीत निर्देशकों को समर्पित सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं। लता मंगेशकर की गायकी, उनकी साधना और सुरों की बारीकी से जुड़ाव के चलते उन्होंने इस संध्या में सोलो परफॉर्मेंस देकर लता जी को अनन्य भाव से संगीतमय श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने बताया- इस कार्यक्रम के सभी गीत यूट्यूब पर भी उपलब्ध होंगे, ताकि लता मंगेशकर के चाहने वाले उन्हें सुन सकें। उन्होंने संगीतकार रवि, मदन मोहन, रोशन, कल्याणजी-आनंदजी, नौशाद, जयदेव, आरडी बर्मन, सलिल चौधरी, हेमंत कुमार, शंकर जयकिशन, लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल और एसडी बर्मन द्वारा संगीतबद्ध लता जी के सदाबहार गीतों की दिलकश प्रस्तुतियां दीं। इन गीतों ने बिखेरा जादू कार्यक्रम में अमित अनुपम ने “वो दिल कहां से लाऊं…”, “अगर मुझसे मुहब्बत है…”, “दुनिया में ऐसा कहां सबका नसीब है…”, “किसी राह में किसी मोड़ पर…”, “फिर तेरी कहानी याद आई…”, “ये दिल और उनकी निगाहों के साए…”, “ओ सजना बरखा बहार आई…”, “हमने देखी है उन आंखों की महकती…”, “आपकी नजरों ने समझा…”, “तेरा मेरा प्यार अमर…”, “ये दिल तुम बिन कहीं लगता नहीं…”, “लूटे कोई मन का नगर…” जैसे बेहतरीन नगमों को सुरीले सुरों से सजाया। कार्यक्रम का संचालन वीना अनुपम ने किया।