हनुमानगढ़ जिले के 40 युवा प्रगतिशील पशुपालक किसान को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान, करनाल में सात दिवसीय प्रशिक्षण लेंगे। इस प्रशिक्षण का आयोजन 16 से 22 मार्च होगा। अतिरिक्त जिला कलेक्टर उम्मेदी लाल मीना ने रविवार को प्रशिक्षण दल को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर उन्होंने किसानों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि वे प्रशिक्षण के दौरान विषय विशेषज्ञों से संवाद करें। नवीनतम पशुपालन तकनीकों को सीखें और अपने गांवों में इन तकनीकों का प्रचार-प्रसार कर अन्य किसानों को भी लाभान्वित करें। आधुनिक पशुपालन की ओर बढ़ता हनुमानगढ़ उपनिदेशक कृषि (आत्मा) सुभाष चंद्र डूडी ने बताया कि जिले के विभिन्न पंचायत समितियों से चयनित इन किसानों को वैज्ञानिक विधियों से पशुपालन का प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह कार्यक्रम मुख्यमंत्री की बजट घोषणा 2024-25 के तहत राज्य के 5000 किसानों को उन्नत प्रशिक्षण देने की योजना का हिस्सा है। जिले को इस योजना के तहत दो प्रशिक्षण सत्र आवंटित किए गए हैं। प्रथम सत्र में डेयरी पशुपालकों के लिए करनाल में प्रगतिशील पशुपालकों को भेजा गया है। वहीं, द्वितीय सत्र में 40 प्रगतिशील आलू उत्पादक किसानों को 25 मार्च को केन्द्रीय आलू अनुसंधान संस्थान, मोदीपुरम (मेरठ) में प्रशिक्षण के रवाना किया जाएगा। जिला कलेक्टर काना राम के निर्देशानुसार किसानों को आधुनिक कृषि और पशुपालन तकनीकों से परिचित कराने के लिए इस तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इससे जिले के पशुपालक वैज्ञानिक तरीके से डेयरी व्यवसाय को उन्नत कर अधिक लाभ प्राप्त कर सकेंगे। इस अवसर पर कृषि विभाग के सहायक निदेशक बलकरण सिंह सहित अन्य अधिकारी और किसान उपस्थित रहे।