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बीजेपी के नवनिर्वाचित प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ जल्द अपनी टीम का ऐलान करेंगे। माना जा रहा है कि अप्रैल माह में बीजेपी की प्रदेश कार्यकारिणी की घोषणा हो जाएगी। करीब 7 महीने पहले मदन राठौड़ पहली बार पार्टी अध्यक्ष बने थे, लेकिन वे पुरानी टीम के साथ ही काम कर रहे थे। अब उनका नए सिरे से पार्टी अध्यक्ष के पद पर निर्वाचन हुआ है। अब वे अपनी टीम तैयार करेंगे। माना जा रहा है कि प्रदेशाध्यक्ष की नई टीम में अधिकतर नए चेहरे देखने को मिलेंगे। मौजूदा प्रदेश कार्यकारिणी में से 50 प्रतिशत से ज्यादा नेता बाहर होंगे। मदन राठौड़ का कार्यकाल करीब तीन साल का है। ऐसे में उनकी नई टीम भविष्य के हिसाब से तैयार होगी। जिससे आने वाले समय में पार्टी प्रदेश में अधिक मजबूत हो सके। क्षेत्रीय और जातिगत संतुलन के हिसाब से होगी टीम
राजस्थान में अगला विधानसभा चुनाव साल 2028 में होगा। वहीं, मदन राठौड़ का कार्यकाल फरवरी 2028 तक है। ऐसे में उनकी नई टीम में पूरे राजस्थान का प्रतिनिधित्व देखने को मिलेगा। इसमें क्षेत्रीय और जातिगत संतुलन का भी ध्यान रखा जाएगा। मदन राठौड़ जिस टीम का ऐलान करेंगे, उसके अधिकतर सदस्य आने वाले विधानसभा चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। ऐसे में जहां पार्टी मजबूत है, वहां किस तरह से पार्टी की पकड़ और मजबूत हो। वहीं, जहां पार्टी कमजोर है, वहां किस तरह से पार्टी को मजबूती मिले। इसे ध्यान में रखते हुए राठौड़ नई टीम का ऐलान कर सकते हैं। मौजूदा टीम से ये नेता हो सकते हैं बाहर
प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ की नई टीम में मौजूदा कई नेताओं को जगह मिलने की उम्मीद कम है। इन नेताओं में प्रदेश उपाध्यक्ष चुन्नीलाल गरासिया, सीआर चौधरी, नारायण पंचारिया, मुकेश दाधीच, नाहर सिंह जोधा औऱ प्रदेश महामंत्रियों में दामोदर अग्रवाल, ओमप्रकाश भड़ाना, श्रवण सिंह बगड़ी व संतोष अहलावत बाहर हो सकती हैं। चुन्नीलाल गरासिया को पार्टी ने राज्यसभा भेजा है। वहीं, सीआर चौधरी को प्रदेश सरकार ने किसान आयोग का अध्यक्ष बना दिया। ऐसे में इन दोनों नेताओं की जगह नए चेहरों को मौका मिलना तय माना जा रहा है। दामोदर अग्रवाल भीलवाड़ा से सांसद बने हैं। ओमप्रकाश भड़ाना को देवनारायण बोर्ड का अध्यक्ष बनाया जा चुका है। ऐसे में प्रदेश कार्यकारिणी में इन नेताओं को नए नेताओं से रिप्लेस किया जा सकता है। इसके साथ ही संगठन चुनाव के संयोजक रहे नारायण पंचारिया को पार्टी नई जिम्मेदारी दे सकती है। वहीं, मुकेश दाधीच, श्रवण सिंह बगड़ी को बोर्ड या आयोग में जगह मिल सकती है। वहीं, 13 प्रदेश मंत्रियों में से भी अधिकतर नेता नई कार्यकारिणी से बाहर होंगे। प्रदेश मंत्रियों में पार्टी युवा और नए चेहरों को मौका दे सकती है। मदन राठौड़ भी कह चुके हैं कि नई टीम में कुछ पुराने नेताओं को बरकरार रखा जाएगा। परफॉर्मेंस और समीकरण के लिहाज से मौजूदा कार्यकारिणी के कई नेता ऐसे हैं, जिन्हें नई टीम में भी बरकरार रखा जा सकता है। इन नेताओं में प्रदेश उपाध्यक्ष सरदार अजयपाल सिंह, बाबा बालकनाथ, प्रभुलाल सैनी और ज्योति मिर्धा शामिल हैं। वहीं मौजूदा प्रदेश महामंत्री जितेंद्र गोठवाल भी नई टीम का हिस्सा हो सकते हैं। इन नेताओं का हो सकता है प्रमोशन
मौजूदा कार्यकारिणी में प्रदेश उपाध्यक्ष मोतीलाल मीणा को एक बार फिर प्रदेश महामंत्री बनाया जा सकता हैं। वे सीपी जोशी के कार्यकाल में प्रदेश महामंत्री रहे थे। लेकिन, फिर जब सीपी जोशी ने अपनी टीम का विस्तार किया तो उन्हें प्रदेश उपाध्यक्ष बना दिया। मोतीलाल मीणा को प्रदेश महामंत्री के पद का अनुभव भी है। वे संगठन के कामकाज में लगातार सक्रिय रहे हैं। ऐसे में एक बार फिर उन्हें प्रदेश महामंत्री बनाए जाने की चर्चा है। इसके अलावा प्रदेश मंत्रियों में से भी एक-दो नेता ऐसे होंगे, जिन्हें प्रदेश उपाध्यक्ष के पद पर प्रमोट किया जा सकता है। इनकी हो सकती है एंट्री
मदन राठौड़ की नई टीम की अगर बात करें तो इसमें अधिकतर नए चेहरे देखने को मिलेंगे। लेकिन, इन नए चेहरों का चुनाव राजनीतिक समीकरण और पार्टी की जरूरत के हिसाब से होगा। नए चेहरों में सबसे प्रबल दावेदार हरिराम रणवा हैं। वे शेखावाटी अंचल से आते हैं। पार्टी में किसान मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष रह चुके हैं। वहीं अभी संगठन चुनाव में पार्टी ने उन्हें सह संयोजक की जिम्मेदारी सौंपी थी। इसमें उनके काम को सराहा गया था। आदिवासी अंचल से सुशील कटारा को नई कार्यकारिणी में जगह मिल सकती है। आदिवासी अंचल डूंगरपुर-बांसवाड़ा में पार्टी की स्थिति अच्छी नहीं है। यहां पार्टी के पास कोई बड़ा चेहरा भी नहीं है। सुशील कटारा वसुंधरा सरकार में राज्यमंत्री रह चुके हैं। वहीं उन्हें संगठन के काम का भी अनुभव है। ऐसे में उन्हें भी नई कार्यकारिणी में जगह मिल सकती है। इसके साथ ही महिला चेहरों में अपूर्वा सिंह और मधु कुमावत के नाम की चर्चा है। मदन राठौड़ बोले- कुछ पुराने होंगे, कुछ नए भी लेंगे
प्रदेश की अपनी नई टीम को लेकर मदन राठौड़ का कहना है कि हमारा जो संगठन है, वह एक व्यवस्था से चलता है। सामूहिक निर्णय से चलता है। हम सब टीम भावना के आधार पर साथ में बैठकर विचार विमर्श के बाद कुछ पुराने लोगों को भी उपयोग में लेंगे। कुछ नए भी लेंगे। जो पुराने इसमें छूट जाएंगे, उनका किसी और जगह इस्तेमाल करेंगे।

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