शहर में अपहरण कर लूट करने की वारदात का ट्रेंड बदला है। अब बदमाश ग्राइंडर (LGBT डेटिंग एप) की मदद ले रहे हैं। इस एप के माध्यम से बदमाश युवकों से संपर्क कर उन्हें जाल में फंसाते हैं। इसके बाद मिलने बुलाकर सुनसान स्थान पर ले जाकर लूट की वारदात को अंजाम देते हैं। शहर में पिछले 6 महीनों में प्रताप नगर थाने में अब तक सबसे ज्यादा 5 और श्याम नगर थाने में 1 केस दर्ज हुआ है। प्रताप नगर पुलिस ने अब तक उक्त एप के जरिए युवकों से दोस्ती कर अपहरण और लूट करने वाली दो गैंग पकड़ी है। इससे पहले डॉक्टर का अपहरण कर लूट की वारदात को अंजाम देने वाली गैंग और अब अपनी बहन से मिलने आए युवक का अपहरण कर पास वाले फ्लैट में बंधक बनाकर लूट की वारदात को अंजाम देने वाले 4 बदमाशों को पकड़ा है। युवक का अपहरण कर लूटे 71 हजार रुपए, बदनामी के डर से पीड़ित नहीं कराते केस दर्ज प्रताप नगर थाने में शुक्रवार को एक युवक ने ऐसा ही एक मामला दर्ज हुआ। जानकारी के अनुसार पीड़ित ने बताया कि वह उक्त एप के माध्यम से युवकों के संपर्क में आया था, जिन्होंने उसे एक सुनसान स्थान पर ले जाकर बंधक बना लिया। इसके बाद मारपीट कर 16 हजार नकद और 55 हजार रुपए ऑनलाइन ट्रांसफर करवा लिए थे। घटना कुछ समय पुरानी है, लेकिन बदमाशों के पकड़े जाने के बाद से अब पीड़ित ने शिकायत दर्ज कराई है। ऐसा ही एक मामला श्याम नगर थाने में भी दर्ज हुआ था। इन आरोपियों को गिरफ्तारी में थाना स्पेशल के अविनाश और गणेश की अहम भूमिका रही। इस तरह से अपहरण और लूट से पीड़ित युवक समाज में बदनामी के डर से शिकायत दर्ज नहीं कराते हैं। इसका फायदा ही ये बदमाश उठा रहे हैं। इस तरह की वारदातों में लूट की राशि 1 लाख रुपए तक की है। बावजूद लोग मामले दर्ज कराने से डर रहे हैं। जबकि ऐसी वारदात करने वाले बदमाशों की पुलिस लगातार पकड़ रही है, लेकिन कोई शिकायत नहीं मिलने के कारण कमजोर धाराओं में पकड़ना पड़ता है, जो बाद में छूट जाते हैं। ऐसे करते हैं वारदात… बदमाशों ने ग्राइंडर एप पर अपनी आईडी बना रखी है, जिससे वे युवकों से संपर्क करते हैं। दोनों में दोस्ती होने के बाद बदमाश पूर्व नियोजित स्थान पर युवक को बुलाते हैं या फिर युवक के बताए स्थान पर जाते हैं। विश्वास में आया व्यक्ति बदमाशों के जाल में फंस जाता है। इसके बाद बदमाश पीड़ित को बातों में उलझा कर अपहरण कर सुनसान स्थान पर ले जाते हैं। यहां उसके साथ पहले मारपीट करते हैं, इसके बाद लूट की वारदात को अंजाम देते हैं। लूट में बदमाशों को उनकी डिमांड के अनुसार राशि नहीं मिलती, तो पीड़ित पर रिश्तेदारों या उसके खाते से ऑनलाइन रुपए ट्रांसफर करवाने का दबाव बनाते हैं। रुपए मिलने के बाद बदमाश पीड़ित को सुनसान स्थान पर छोड़ कर फरार हो जाते हैं।