जोधपुर रेंज की साइक्लोनर टीम ने तीन साल से फरार एक शातिर तस्कर को गिरफ्तार किया है। उसकी गिरफ्तारी पर 25 हजार रुपए का इनाम भी घोषित था। जोधपुर रेंज आईजी विकास कुमार ने बताया कि जोधपुर ग्रामीण पुलिस के कापरड़ा थानांतर्गत खोखरिया निवासी प्रकाश विश्नोई (30) पुत्र कालूराम की पुलिस को तीन साल से तलाश थी। उसके खिलाफ मादक पदार्थ तस्करी, टोल प्लाजा पर मारपीट, पुलिस की गाड़ी को टक्कर मार भागने, आर्म्स एक्ट, पुलिस से हाथापाई, शराब तस्करी सहित अन्य संगीन मामले दर्ज हो रखे हैं। पूर्व में भी डांगियावास पुलिस ने प्रकाश और उसके चाचा को 10 क्विंटल डोडा-पोस्त के साथ पकड़ा था। बाद में वह कुख्यात तस्कर राजू फौजी के संपर्क में आ गया, जो भीलवाड़ा में दो पुलिसकर्मियों की हत्या के मामले में जेल में बंद है। बदमाश की गलत हरकतों के चलते बचपन में हुई शादी के बाद गौना करने से इनकार कर दिया। इसके बावजूद सुधरने की बजाय प्रकाश लगातार तस्करी करता रहा। चित्तौड़गढ़ के राशमी थाने में भारी मात्रा में मादक पदार्थ तस्करी व आर्म्स एक्ट के मामले में उस पर 25 हजार का इनाम भी घोषित किया गया। बार-बार लोकेशन बदल करता रहा तस्करी लगातार फरार रहते हुए बदमाश अपने रिश्तेदारों के घर शरण लेता और वहीं से तस्करी करना जारी रखे हुए था। यहां तक कि एक जगह से दूसरी जगह भागते रहने के दौरान तेज रफ्तार से बाइक चलाते हुए उसका एक्सीडेंट हुआ और पैर फ्रैक्चर हो गया। ऐसे में उसे हर कोई अपने पास रखने से कतराने लगा। अंत में उसकी सगी बहन ने अपने बनाड़ स्थित घर में आश्रय दिया। यहां उसकी हरकतों से परेशान बहनोई ने उसकी मौज मस्ती व खर्चों पर नकेल कसने की सोची। इसी बीच, जोधपुर रेंज पुलिस के कंट्रोल रूम पर एक अनजान कॉल आई, जिसमें कुख्यात बदमाश के बारे में जानकारी मिली, लेकिन कॉल करने वाले ने अपना नाम पता नहीं बता फोन काट दिया। साइक्लोनर टीम ने छानबीन की, तो पता चला कि वह किसी मैरिज गार्डन के कर्मचारी का फोन था। उसने पूछताछ में कैटरिंग व्यवसायी पर शक जताते हुए बताया कि उसने फोन मांगा था। टीम ने उससे बातचीत की, तो उसी द्वारा कॉल किए जाने के संकेत मिल गए। पुलिस ने कैटरिंग व्यवसायी के बारे में गहनता से पड़ताल शुरू की, तो पता चला कि वह कुख्यात वांछित तस्कर प्रकाश का बहनोई है। पुलिस टीम ने उसके घर पर दबिश देकर प्रकाश को पकड़ा, तो उसकी बहन अपने पति से ही उलझ पड़ी। पुलिस टीम में ये रहे शामिल रेंज स्तरीय साइक्लोनर टीम के एसआई कन्हैयालाल, नेमाराम, प्रमीत चौहान, देवाराम, हैड कॉन्स्टेबल गजराज सिंह, महेन्द्र कुमार, कॉन्स्टेबल अशोक कुमार, शेखरचन्द, भंवर, मनीष, राकेश शामिल रहे। साथ ही पूरी कार्रवाई में टीम के साइबर एक्सपर्ट हैड कांस्टेबल महेन्द्र कुमार तथा शेखचन्द की मानवीय आसूचना ऑपरेशन डार्क लाइट में महत्वपूर्ण साबित हुई।