सरकार ने समान पात्रता परीक्षा (सीईटी) की पात्रता में फिर बदलाव की तैयारी की है। अब सीईटी की पात्रता के लिए 60 प्रतिशत (आरक्षित वर्ग को 5 प्रतिशत की छूट) अंक प्राप्त करने पड़ सकते हैं। कार्मिक विभाग इसका प्रस्ताव बनाएगा और इसका परीक्षण करेगा। संभव हुआ तो यह लागू हो सकता है। वर्तमान में 40 प्रतिशत (आरक्षित वर्ग को 5 फीसदी की छूट) अंक प्राप्त करने पर सीईटी की पात्रता मिलती है। इस नियम के कारण सीईटी का उद्देश्य सफल नहीं हो पा रहा है। क्योंकि इस बार ही सीईटी स्नातक में ही 11.64 में से 8.78 लाख अभ्यर्थियों को पात्रता मिल गई थी। रीट में वर्तमान में 60 प्रतिशत (आरक्षित वर्ग को 5 फीसदी की छूट) अंकों पर पात्रता मिलती है। प्रक्रियाधीन और लंबित भर्तियों को पूरा करने को लेकर सरकार सख्त है। इसी के चलते पिछले दिनों मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में भर्तियों को लेकर सभी विभागों की बैठक हुई थी। जिसमें सीएम ने भर्तियों को लेकर कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए। इसमें कार्मिक विभाग को सीईटी के लिए 60 प्रतिशत अंकों पर पात्रता का प्रस्ताव तैयार कर परीक्षण करने के निर्देश दिए गए। सभी विभागों को अगले 4 साल में रिटायरमेंट के बाद खाली होने वाले पदों की गणना करने को कहा गया। साथ ही निजी क्षेत्र में भी 6 लाख लोगों को रोजगार देने के लिए श्रम, कौशल, रोजगार व उद्यमिता विभाग को विभागीय कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। कार्मिक विभाग भर्तियों की मॉनिटरिंग के लिए पोर्टल बनाएगा। इस पर सभी विभागों की भर्तियों की डिटेल रहेगी। बैठक में कार्मिक विभाग को पोर्टल बनाने के निर्देश दिए गए। विभागों को महत्वपूर्ण निर्देश दिए