राजस्थान के शहरी निकायों में अब घर बैठे ही प्रॉपर्टी के मालिकाना हक वाला ‘पट्टा’ बनवा सकेंगे। पट्टे के लिए अब ऑफिस के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। स्वायत्त शासन विभाग ने प्रदेश के 315 शहरी निकायों (नगर निगम, परिषद, पालिका) में ई-पट्टा जारी करने की सुविधा शुरू कर दी है। ऑनलाइन ई-पट्टा बनाने के लिए निकायों में अधिकारियों-कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया गया है। इसके अलावा भी जनता से जुड़े कुल 13 तरह के कार्य भी ऑनलाइन करवा सकते हैं। ई-पट्टा बनवाने के लिए क्या प्रोसेस है? कितना समय लगेगा? 13 काम कौनसे हैं जो घर बैठे करवा सकते हैं? भास्कर ने ऐसे सवालों का जवाब स्वायत्त शासन विभाग के निदेशक इंद्रजीत सिंह से जाना। पढ़िए ये खबर… आवेदन से पहले जरूरी हैं, ये दस्तावेज ई-पट्टा प्राप्त करने के लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा। लेकिन उससे पहले कुछ जरूरी दस्तावेज आवेदक के पास होने चाहिए। जिस भी प्रॉपर्टी (दुकान-मकान-फ्लैट) का पट्टा आपको बनवाना है, उसकी खरीद से जुड़े सभी डॉक्यूमेंट्स। इन दस्तावेजों में संपत्ति किस कैटेगरी या वर्ग की है, जैसे- किसी शहरी निकाय से नीलामी, लॉटरी से आवंटित है, स्वयं खरीदी है, निजी है या किसी बिल्डर/डेवलपर से खरीदी है, उसका एग्रीमेंट आदि होना चाहिए। एक उदाहरण से समझते हैं… मान लीजिए जयपुर डेवलपमेंट अथॉरिटी (जेडीए) से आपको एक प्लॉट लॉटरी में निकला है या आपने खरीदा है तो जेडीए का आवंटन पत्र, आवंटी का आधार कार्ड, पैन कार्ड, बिजली की बिल फोटो, मकान का ब्लू प्रिंट, साइट प्लान आदि होना जरूरी है। अगर किसी डेवलपर या अन्य सेलर से से मकान खरीदा है तो उसका इकरारनामा, बेचाननामा। जिससे प्रॉपर्टी खरीदी है, उसके मालिकाना हक के दस्तावेज, आधार कार्ड, पैन कार्ड व बिजली का बिल होना जरूरी है। वहीं यदि कब्जे की संपत्ति है तो कब्जा साबित करने वाले दो गवाह जो पड़ोसी हों, बिजली का बिल, कब्जा जितना पुराना हो उसके दस्तावेज जैसे- लाइट बिल, पानी बिल, इंश्योरेंस का कोई पत्र या उस संपत्ति वाले पते पर पांच साल से पुराना कोई पत्र आदि होना आवश्यक है। अब बताते हैं आवेदन की प्रक्रिया क्या है? गूगल पर www.sso.rajasthan.gov.in वेबसाइट ओपन करनी है। इस वेबसाइट में लॉगिन करने के लिए आवेदक की एसएसओ आईडी होनी जरूरी है। अगर आईडी नहीं बनी हुई है तो इसे जन आधार कार्ड की मदद से आईडी रजिस्टर करें। लॉगिन करने के बाद एक नई विंडो खुलेगी इसमें आपको LSG ऐप (लोकल सेल्फ गवर्नमेंट) पर CLICK करना है। एप खुलते ही ‘लीज डीड’ के ऑप्शन पर क्लिक करना होगा। इस पर क्लिक करते ही एक नया पेज खुलेगा, यहां ‘न्यू एप्लिकेशन’ पर क्लिक कर, संबंधित जिला और फिर निकाय का चयन करें। जिस भी वर्ग की संपत्ति है, उससे जुड़े दस्तावेज जो आपने पहले से स्कैन करके रखे थे, उन्हें वेबसाइट पर बताए अनुसार अपलोड करें। ध्यान रखें- जिस फार्मेट (JPG, PDF, FILE, DOC, SHEET) में दस्तावेज मांगे गए हैं, उसी फॉर्मेट में स्कैन करके अपलोड करें। अब आपको जिस भी प्रॉपर्टी का ई-पट्टा चाहिए, उसकी डिटेल भरनी है। सही नाम, सही पता और मकान की सही साइज, मकान जिस कॉलोनी में है उस योजना का नाम दर्ज करें। साइट प्लान या मकान का ब्लू प्रिंट जो आर्किटेक्ट की मदद से आपने बनवाया है, उसकी स्कैन कॉपी आवेदन के साथ अपलोड करें। इसके बाद में पूरे फॉर्म को रिव्यू करके सबमिट करें। अब आपकी फाइल सबमिट हो गई है। 30 दिन में जारी होगा पट्टा स्वायत्त शासन विभाग के निदेशक इंद्रजीत सिंह ने बताया कि ऑनलाइन आवेदन के दौरान हर कामकाज का समय किया गया है। अधिकारी को वह काम उन तय दिनों में ही करना होगा। अगर आदेशों की पालना नहीं की जाती है तो संबंधित निकाय प्रमुख के खिलाफ नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने बताया कि पट्टा यानि लीज का आवेदन का निस्तारण 30 दिनों में संबंधित आयुक्त या अधिशासी अधिकारी को करना होगा। आवेदन की प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन हो इसके लिए सभी संसाधन निकायों को उपलब्ध करवाए जा रहे हैं। 13 कार्य करवा सकते हैं ऑनलाइन स्वायत्त शासन विभाग के निदेशक इंद्रजीत सिंह ने बताया कि पट्टा लीज के अलावा, सामुदायिक केंद्र की बुकिंग, फायर एनओसी, संपत्ति का नाम हस्तांतरण, लीज डिपॉजिट की ऑनलाइन करवाया जा सकता है। प्रॉपर्टी की आईडी बनाना, प्रॉपर्टी टैक्स, यूडी टैक्स जमा करना, रिन्यू ट्रेड लाइसेंस, सीवर कनेक्शन, साइनेज लाइसेंस, किसी भूखंड का सब डिवीजन (टुकड़ों) में विभाजित करना और टूटे भूखंडों को आपस में जोड़ने का काम भी होगा। वहीं, ट्रेड लाइसेंस और स्ट्रीट वेंडर लाइसेंस बनवाना भी ऑनलाइन हो सकेगा। ई-पट्टा का क्या चार्ज है? ऑनलाइन ई-पट्टा आवेदन करने का कोई शुल्क नहीं है। पट्टा जारी करने का शुल्क निकायवार डीएलसी रेट के अनुसार रखा गया है। ई-मित्र संचालक के जरिए आवेदन करते हैं तो वहां प्रोसेसिंग का सामान्य शुल्क देना पड़ सकता है। जरूरी सलाह- डॉक्यूमेंट्स में गड़बड़ी अटका सकती है पट्टा अगर किसी आवेदन में निकाय के अफसर को किसी प्रकार की दस्तावेज में छेड़छाड़ गड़बड़ी लगती है तो निकाय दस्तावेजों की जांच के लिए अतिरिक्त समय ले सकते हैं। इसके साथ ही निकाय अधिकारी को जरूरत पड़ने पर मूल दस्तावेज भी आवेदक को दिखाने पड़ सकते हैं। ऐसे में विभाग ने सही जानकारी और सही दस्तावेज ही अपलोड करने की सलाह दी है। 315 शहरी निकायों में ई-पट्टा हुआ ऑनलाइन राज्य में कुल 315 शहरी निकाय हैं। इनमें निगम स्तर के 13 शहरी निकाय हैं। प्रथम श्रेणी के शहरी निकाय जैसे- नगर परिषद स्तर के 51 निकाय हैं। द्वितीय श्रेणी की नगर पालिका 16, तृतीय श्रेणी की नगर पालिका-57 और चतुर्थ श्रेणी की 178 नगर पालिकाएं हैं। जहां पर यह सेवाएं ऑनलाइन शुरू की गई है। डॉक्यूमेंट्स घर से अपलोड करके घर बैठे ही पट्टा देने की प्रक्रिया शुरू की गई है। राजस्थान के 315 शहरी निकायों में हुई शुरुआत- मंत्री स्वायत्त शासन विभाग के मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने भास्कर को बताया कि सारा कामकाज ऑनलाइन हो इसके लिए निकायों में आईटी का दायरा बढ़ाया जा रहा है। खर्रा ने बताया कि राज्य के छोटे शहरों में इसका ट्रायल किया गया था जो कि सफल होते ही राज्य के सभी 315 शहरी निकायों में इसकी शुरुआत कर दी गई है। …. सरकार की योजनाओं से जुड़ी ये खबर भी पढ़िए… मुफ्त दवा जैसी स्कीम सरकारी प्राथमिकता से बाहर:गहलोत राज की 33 योजनाओं को सरकार ने फ्लैगशिप कार्यक्रम से बाहर किया राज्य सरकार ने पिछली कांग्रेस सरकार की सभी 33 योजनाओं को फ्लैगशिप कार्यक्रम से बाहर कर दिया है। कई महत्वपूर्ण योजनाएं इसमें शामिल हैं। पूरी खबर पढ़िए…