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भारतीय केलेंडर में इस समय महीना तो “जेठ” (ज्येष्ठ) का चल रहा है लेकिन सावन के महीने जैसी ठंडी हवाओं का दौर चल रहा है। माना जाता है कि सबसे गर्म महीना ही जेठ का होता है लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ। नौतपा भी पूरी तरह पिघल गया, क्योंकि जिन महत्वपूर्ण नौ दिनों में नौतपा रहता है, उन्हीं दिनों में बीकानेर में बूंदाबांदी, अंधड़ और रिमझिम बारिश का दौर चला है। लूणकरनसर में तो मंगलवार की देर रात फिर रिमझिम बारिश हुई, जिससे सड़कों पर पानी जमा हो गया। दरअसल, 25 मई से 2 जून तक नौतपा ज्यादा तपता है। इस बार ऐसा नहीं हुआ क्योंकि एक दिन तेज तूफान के कारण हवाएं चली, जिससे पारा कम हो गया। वहीं बाद में तीस मई से मौसम बारिश का रहा। 31 मई से तो लगातार रिमझिम बारिश ही हो रही है। न सिर्फ बीकानेर बल्कि राज्य के अधिकांश जिलों में पानी बरसने से नौतपा का असर कम हो गया है। बीकानेर में बीते चौबीस घंटे में तापमान में जबरदस्त कमी आई है। अधिकतम तापमान जो चालीस डिग्री सेल्सियस से ऊपर चल रहा था, उसमें चार डिग्री सेल्सियस की कमी आई है। ये 36.1 डिग्री सेल्सियस रहा। वहीं न्यूनतम तापमान में भी बड़ी गिरावट आई है। न्यूनतम तापमान तीस से गिरकर 26 डिग्री सेल्सियस के आसपास पहुंच गया है। लूणकरनसर में टोल रोड जलमग्न उधर, लूणकरनसर में टोल रोड के किनारे पानी जमा हो गया है। पानी की निकासी के लिए बकायदा नाला बनाया गया है लेकिन पानी नाले के बाहर ही जमा पड़ा है। बारिश के दौरान हाइवे के किनारे जा रही सर्विस रोड पर जमा हो जाता है, जिससे स्थानीय लोगों और वहीं बनी दुकानों के संचालकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। फोटो : रामप्रताप गोदारा, लूणकरनसर

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