विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर लाचू मेमोरियल कॉलेज ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी, जोधपुर द्वारा बुधवार को जलजोग सर्किल के पास एक जागरूकता रैली और नुक्कड़ नाटक का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य आमजन को प्लास्टिक प्रदूषण के खतरों से अवगत कराना और पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रेरित करना था। कॉलेज के छात्र-छात्राओं—अनन्य, जयेश, मानव, भरतेंदु, सान्या, हर्षिका तथा नाथेल—ने रंग-बिरंगे पोस्टरों, नारों और नुक्कड़ नाटक के माध्यम से संदेश दिया, “प्लास्टिक छोड़ो, धरती से नाता जोड़ो।” नाटक में दिखाया गया कि किस प्रकार प्लास्टिक का अत्यधिक उपयोग जल, भूमि और वायु को प्रदूषित कर रहा है और इसका दुष्प्रभाव इंसानों, जानवरों और पौधों तक पहुंच रहा है। इस अवसर पर कॉलेज के प्राचार्य प्रोफेसर जी. के. सिंह ने कहा – “पर्यावरण का संरक्षण केवल सरकार या संस्थाओं की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है। युवाओं की भागीदारी इस दिशा में परिवर्तन ला सकती है। इस प्रकार के कार्यक्रम समाज में जागरूकता लाने का प्रभावशाली माध्यम हैं।” कार्यक्रम में डॉ. उमा पिल्लई और डॉ. रंजीता माथुर ने भी पर्यावरणीय संतुलन और टिकाऊ जीवनशैली पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि पर्यावरण केवल एक दिवस पर चर्चा का विषय नहीं, बल्कि हर दिन की जिम्मेदारी है। डॉ. रंजीता माथुर ने बताया कि हर साल 400 मिलियन टन से अधिक प्लास्टिक कचरा पैदा होता है, जिसमें से एक बड़ा हिस्सा न तो रिसाइकल होता है और न ही नष्ट, जो दशकों तक धरती और समुद्र को नुकसान पहुँचाता है। कार्यक्रम के समन्वयन में डॉ. योगिता छंगाणी, डॉ. मोहिता माथुर और डॉ. अभिषेक राजपुरोहित का विशेष योगदान रहा। कार्यक्रम के अंत में विद्यार्थियों और स्टाफ ने “प्लास्टिक मुक्त परिसर” की शपथ ली और आने वाले दिनों में अपने-अपने स्तर पर पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी निभाने का संकल्प लिया।