विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर बुझावड़, गंगाणा फांटा स्थित मौलाना आज़ाद यूनिवर्सिटी कैम्पस में प्रवेशोत्सव का आयोजन किया गया। इस मौके पर शहर की विभिन्न सामाजिक संस्थाओं के पदाधिकारियों एवं कई गणमान्य लोगों ने यूनिवर्सिटी परिसर में पौधारोण किया। यूनिवर्सिटी के चेयरपर्सन मोहम्मद अतीक ने बताया कि आमजन को यूनिवर्सिटी पाठ्यक्रमों एवं इससे जुड़ी जानकारी के देने के मक़सद से ये आयोजन किया गया। उन्हांने कहा कि समय की मांग को देखते हुए गुणवत्तापूर्ण, रोजगारोन्मुखी शिक्षा हर एक विद्यार्थी तक पहुंचाना ही यूनिवर्सिटी का उद्देश्य है। डीन एकेडमिक्स डॉ. इमरान खान पठान ने कहा कि सैकड़ो छात्र-छात्राओं ने अपने अभिभावकों के साथ इस प्रवेश महोत्सव में अपना रजिस्ट्रेशन करवाकर, यूनिवर्सिटी से जुड़ी योजनाओं का लाभ लिया और पर्यावरण संरक्षण के संकल्प के साथ पौधारोपण कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस अवसर पर मारवाड़ मुस्लिम एज्यूकेशनल एण्ड वेलफेयर सोसायटी से जुड़े बरकत खां नसरानी, रफीक खोखर, रेहान अंसारी, रईस अंसारी बाबा, आमीन अंसारी, पठान खान मेहर, शकील खिलजी, आमिर खान कुवैतवाला, यूनाईटेड उम्माह वेलफेयर सोसायटी अध्यक्ष अब्दुल रहीम सांखला, महासचिव अब्दुल रशीद अंसारी, सदस्य ईमामुद्दीन, असलम मंसूरी, अब्दुल हमीद, सय्यद वसीम अख़्तर, जावेद हुसैन, अशफाक अहमद, अब्दुल सलीम इंजीनियर, खिदमत ए खल्क ट्रेवल्स, फाउंडेशन अध्यक्ष अब्दुल वहीद गजधर, सचिव अब्दुल रहीम मोदी, कोषाध्यक्ष मोहम्मद अय्यूब सिलावट, सदस्य मोहम्मद इसहाक गोरी, अल’-अब्बास एज्यूकेशनल सोसायटी के अध्यक्ष ‘पीर अब्दुल रूआब चिश्ती’, आसिफ खान सिंधी, ईद मिलादुन्नबी जलसा समिति सदस्यगण, जमीयतुल कुरैश अध्यक्ष निसार अहमद गेंद, संरक्षक अताउर्रहमान, जनरल सेक्रेट्री अब्दुल्लाह खालिद कुरैशी, उपाध्यक्ष खलील भाटी, सहसचिव पार्षद निसार अहमद, चुंदड़ीगर समाज के शमसुद्दीन, चुंदड़ीगर, हाफीज आरीफ चुंदड़ीगर, इम्तियाज चुंदडीगर, जाकिर चुंदडीगर, असलम चुंदडीगर सहित शिक्षा एवं समाजसेवा क्षेत्र से जुड़े कई लोग मौजूद रहे। प्रवेशोत्सव मे स्काउट, खेल क्षेत्र, 10वीं व 12वीं उत्तीर्ण प्रतिभाओं को प्रशिस्त पत्र देकर सम्मान किया गया। इसके सफल आयोजन में यूनिवर्सिटी की सभी संकायों के डीन, प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर, स्काउट स्टूडेन्ट्स एवं स्टाफ ने पर्यावरण मित्र बनकर इस राष्ट्रीय कार्यक्रम को सफल बनाया। संचालन डॉ. मरजीना, डॉ. रेहाना बेगम, असिस्टेंट प्रोफेसर रितिका वैष्णव व डॉ. अब्दुल्लाह खालिद ने किया।