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निर्जला एकादशी पर शुक्रवार को शहरभर के मंदिरों में श्रद्धा का सैलाब था। इस बीच ऐतिहासिक जगदीश मंदिर में विवाद छिड़ा। देवस्थान विभाग और पुजारी आमने-सामने हुए। विभाग की ओर से लगाए भेंट काउंटर का पुजारी परिषद ने विरोध किया। करीब आधे घंटे तक हंगामा चला। पुलिस मौके पर पहुंची। दोनों पक्षों से समझाइश के प्रयास किए गए। इस बीच, किसी ने कलेक्टर नमित मेहता को जानकारी दी। इसके बाद कलेक्टर ने देवस्थान विभाग के आला अधिकारियों को तत्काल व्यवस्था बनाने के लिए निर्देश दिए। आखिर काउंटर हटने के बाद मामला शांत हुआ। खास बात यह थी कि इस काउंटर पर श्रद्धालुओं से लिए जा रहे दान के बदले में जो रसीद दी जा रही थी, वह शहर से 50 किमी दूर स्थित जावर माता मंदिर के नाम की थी। रसीद भी 50 किमी दूर स्थित मंदिर के नाम की दे रहे थे घटनाक्रम सुबह साढ़े 11 बजे शुरू हुआ। मंदिर के पुजारी नित्य सेवा-पूजा के बाद बाहर आए तो श्रद्धालुओं की कतार देखकर चौंक गए। एकबारगी तो लगा कि निर्जला एकादशी है, इस कारण भक्तों की भीड़ है, लेकिन जैसे ही पता लगा कि विभाग ने भेंट काउंटर लगाया है तो पुजारी विरोध में उतर गए। उन्होंने काउंटर लगाने का कारण पूछा तो कर्मचारी बहस करने लगे। मामला सहायक आयुक्त जतिन गांधी तक पहुंचा। इसके बाद काउंटर हटाया गया। उधर, पुजारी परिषद ने आरोप लगाया कि विभाग की ओर से जगदीश मंदिर में 70 लाख रुपए के विकास कार्य करवाए गए। लेकिन हल्की बारिश में पानी टपकने लगता है। गुंबद पर पीपल के पेड़ उग आए हैं। पुजारियों ने बताया कि पूर्व राजपरिवार के जमाने से वे मंदिर में सेवा-पूजा करते आ रहे हैं। विभाग ने पहली बार दान लेने के लिए काउंटर लगाया है। पुजारी हेमेंद्र ने बताया कि मंदिर में दान पर पुजारियों का हक रहता है। हटवा दिया काउंटर : विभाग देवस्थान विभाग के सहायक आयुक्त जतिन गांधी ने मामले को लेकर कहा कि हमें बताया गया था कि काउंटर की वजह से श्रद्धालुओं को आने-जाने में तकलीफ हो रही है। यह जानकारी मिलते ही हमने उसे हटा लिया।

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