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फिल्ममेकर विवेक अग्निहोत्री ने बॉलीवुड के कुछ सितारों पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि बॉक्स ऑफिस पर फिल्म की कमाई को जानबूझकर ज्यादा दिखाया जाता है, ताकि एक्टर्स को बड़ा और सफल दिखाया जा सके। इतना ही नहीं कुछ प्रोडक्शन हाउस अपनी ही फिल्मों के बहुत सारे टिकट खुद ही खरीद लेते हैं, ताकि लोगों को यह लगे कि उनकी फिल्में हिट गईं। शुभंकर मिश्रा के साथ इंटरव्यू में विवेक अग्निहोत्री ने कहा, ‘एक समय था जब फिल्म इंडस्ट्री राजनीतिक मुद्दों पर खुलकर अपनी राय रखती थी। जब कहीं भूकंप या बाढ़ आती थी, तो ये लोग पैसे इकट्ठा करते थे। ट्रकों पर चढ़कर लोगों की मदद के लिए जाते थे। सुनील दत्त असली कांग्रेसी थे, जिन्होंने कश्मीर से कन्याकुमारी तक पदयात्रा की थी। लेकिन आजकल के फिल्मी सितारे अपने घरों की बालकनी से हजारों लोगों को हाथ हिलाकर खुश हो जाते हैं। मुझे ये ठीक नहीं लगता। वे अपने हाथ गंदे नहीं करना चाहते। आप कोई शहंशाह नहीं हैं। किसी मुद्दे पर सिर्फ ट्वीट कर देना काफी नहीं है। विवेक के बयान के बाद जब उनसे पूछा गया कि क्या यह टिप्पणी अमिताभ बच्चन और शाहरुख खान के लिए थी, जिन्हें ‘शहंशाह’ और ‘बादशाह’ कहा जाता है, तो अग्निहोत्री ने कहा कि उनका ऐसा कोई इरादा नहीं था। विवेक अग्निहोत्री ने आगे कहा, ‘एक समय था जब फिल्म इंडस्ट्री हर आंदोलन में सबसे आगे थी। अब वे चार्टर्ड प्लेन से ट्रैवल करते हैं। उन्होंने देश को बर्बाद कर दिया है। उन्होंने बॉलीवुड को शैम्पू कंडीशनर इंडस्ट्री में बदल दिया है। इंडस्ट्री को ग्लैमर से जोड़ दिया है। क्या दीवार देश के बारे में नहीं थी? क्या सलीम खान और जावेद अख्तर द्वारा लिखी गई फिल्में देश के बारे में नहीं थीं? इन दिनों हीरो जिस एकमात्र व्यक्ति से लड़ रहा है, वह उसकी गर्लफ्रेंड का पिता है। उन्होंने इंडस्ट्री को बेवकूफ बना दिया है।’ जब विवेक से कॉर्पोरेट बुकिंग के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि आज का दर्शक इतना समझदार है कि ऐसे हथकंडों से उसे बेवकूफ नहीं बनाया जा सकता। यह सब सिर्फ एक्टर्स के अहंकार को तुष्ट करने के लिए किया जाता है। लोगों के रेट कार्ड बने हुए हैं, यह कोई छुपी बात नहीं है। ये सब फर्जी आंकड़े होते हैं, सिर्फ स्टार के ईगो को खुश करने के लिए किए जाते हैं। ये सब इसलिए किया जाता है ताकि उस स्टार को लगे कि वह अब भी जिंदा है कि टाइगर जिंदा है।

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