dungargarh police station new 1750219202 aPD6yD

बीकानेर के श्रीडूंगरगढ़ में एक युवक को पहले गला दबाकर मार दिया गया। इसके बाद उसकी लाश को पटरी पर फेंक दिया गया। रेल उसके ऊपर से गुजर गई और हत्या को आत्महत्या का मामला बताने का प्रयास किया गया। दो-तीन दिन तक तो इसे सुसाइड माना गया लेकिन बाद में मृतक के बड़े भाई ने इसे हत्या बताते हुए भाई की पत्नी सहित तीन के खिलाफ मामला दर्ज कराया। पुलिस जांच में शक सही पाया गया और अब छह साल बाद श्रीडूंगरगढ़ एडीजे कोर्ट ने पत्नी सहित तीन जनों को आजीवन कारावास की सजा सुना दी है। मामला 18 मार्च 2019 का है। महाराष्ट्र के अकोला में काम करने वाला सहीराम अपने घर आया हुआ था। शाम के वक्त वो गांव में डफ की थाप पर होने वाला नृत्य गींदड़ देखने बाहर निकल गया। देर रात तक वापस नहीं आया। सुबह उसका शव रेल पटरियों पर क्षत विक्षत अवस्था में मिला। पुलिस ने इसे सुसाइड केस मानते हुए मर्ग दर्ज कर ली। वहीं सहीराम के बड़े भाई को दो दिन बाद सहीराम की पत्नी पर शक हुआ और उसने पुलिस में हत्या का मामला दर्ज करा दिया। आरोप था कि मृतक की पत्नी इंद्रा ने अपने बहनोई शंकरलाल के साथ मिलकर सहीराम को मार दिया और बाद में शव को रेल पटरियों पर फेंका है। पुलिस ने की जांच, पत्नी का नाम आया सामने पुलिस की जांच में साबित हुआ कि न सिर्फ इंद्रा और शंकरलाल बल्कि उनके साथ एक अन्य रामेश्वर नामक युवक भी इस हत्याकांड में शामिल है। दरअसल, जब सहीराम गींदड़ देखने गया, तब शंकरलाल और रामेश्वर ही उसे अपने साथ बाइक पर ले गए थे। दूर ले जाकर शंकरलाल ओर रामेश्वर ने उसके गले में रस्सी डालकर मार दिया। रस्सी इतनी जोर से खींची कि उसका दम घुट गया और मौत हो गई। पुलिस ने ये रस्सी भी बरामद कर ली। इसके बाद पास ही स्थित नारसीसर गांव से गुजर रही रेलवे लाइन पर उसका शव फैंक दिया। रेल गुजरी तो सहीराम का शव कई हिस्सों में कट गया। प्रथम दृष्टया सभी को आत्महत्या का मामला लगा लेकिन बाद में मदनलाल की एफआईआर पर पुलिस ने जांच की तो कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। दरअसल, इंद्रा और शंकरलाल के बीच अवैध संबंध थे। आमतौर पर सहीराम अकेला रहता था और इंद्रा श्रीडूंगरगढ़ में रहती थी। ऐसे में इंद्रा और शंकरलाल के बीच अवैध संबंध पनपते गए। दोनों ने बीच में से हटाने के लिए सहीराम को मार दिया गया।

Leave a Reply