सवाई माधोपुर के एक अस्पताल में खुले में ही महिला की डिलीवरी हो गई। अस्पताल में स्टाफ नहीं होने के कारण महिला प्रसव पीड़ा में तड़पती रही। उसने अस्पताल परिसर में जमीन पर ही बच्चे को जन्म दे दिया। इस दौरान प्रसू​ता के साथ आई महिला परिजन ने उसे संभाला। मामला मलारना डूंगर उपखंड के मलारना स्टेशन PHC का है। दरअसल, गुरुवार शाम को PHC पर ताला लगा था। मेडिकल और नर्सिंग स्टाफ भी नदारद था। डिलीवरी के कुछ देर बाद अस्पताल का सफाईकर्मी मौके पर पहुंचा। इसके बाद महिला को वार्ड में लिया गया। लेकिन, सूचना के बाद भी ANM सहित कोई भी मेडिकल और नर्सिंग स्टाफ अस्पताल नहीं पहुंचा। इस कारण 108 एम्बुलेंस की मदद से नवजात और मां को मलारना डूंगर सीएचसी पहुंचाया गया। मामले में जिला कलेक्टर ने डॉक्टर सचिन शर्मा को सस्पेंड कर दिया है। वहीं, सीएमएचओ ने ANM को एपीओ कर दिया था। इन 4 फोटोज में देखिए पूरा मामला… ग्रामीणों का आरोप- आए दिन नदारद रहता है अस्पताल स्टाफ
बिलोली नदी निवासी कुंती देवी पत्नी दिलखुश मोग्या को गुरुवार शाम प्रसव पीड़ा हुई। परिजन मलारना स्टेशन अस्पताल लेकर पहुंचे। अस्पताल पर ताला लगा था। ग्रामीणों ने बताया कि मलारना स्टेशन अस्पताल में अक्सर सीएचसी प्रभारी सहित स्टाफ आए दिन नदारद रहता है। इस वजह से मरीजों को खासी परेशानी उठानी पड़ती है। मामला सामने आने के बाद CMHO ने ANM किरण कुमारी को तत्काल प्रभाव से एपीओ कर दिया। इसे लेकर BCMO डॉ. प्रमोद कर्णावत ने आदेश जारी किए हैं। इसमें किरण कुमारी को एपीओ कर CMHO कार्यालय में उपस्थिति देने के आदेश दिए हैं। विधायक ने चिकित्सा व्यवस्थाओं पर उठाए सवाल
मामले को लेकर बामनवास विधायक इंदिरा मीणा ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया और प्रदेश की चिकित्सा व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े किए हैं। इंदिरा मीणा ने लिखा- कांग्रेस सरकार में चिकित्सा व्यवस्था में राजस्थान टाॅप पर था और आज राजस्थान के क्या हालात हो गए? मामला सवाईमाधोपुर के मलारना स्टेशन पीएचसी का है, जहां एक प्रसूता को जमीन पर ही बच्चे को जन्म देना पड़ा। यहां की चिकित्सकीय व्यवस्था भगवान भरोसे है। इनपुट: राशिद खान

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