बांसवाड़ा के बागीदौरा से भारत आदिवासी पार्टी (BAP) के विधायक जयकृष्ण पटेल के 20 लाख रुपए रिश्वत लेने के मामले में सांसद राजकुमार रोत ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने दावा किया कि हमारी पार्टी की ओर से हुई जांच में सामने आया कि विधायक को षड्यंत्र कर फंसाया गया था। रोत ने बिना किसी का नाम लिए आरोप लगाया कि सत्ताधारी पार्टी का एक विधायक प्रत्याशी भी इसमें शामिल है। सांसद ने SI भर्ती पर परीक्षा को लेकर कहा- गरीब परिवार के बच्चों के साथ अन्याय हुआ था। अब मुख्यमंत्री प्रेस कॉन्फ्रेंस करें और अपना रुख साफ करें। दरअसल, बांसवाड़ा-डूंगरपुर सांसद राजकुमार रोत शुक्रवार को भील प्रदेश मुक्ति मोर्चा के बैनर तले उदयपुर विकास प्राधिकरण के विस्तार के विरोध में चल रहे प्रदर्शन में पहुंचे थे। इस दौरान दौरान उन्होंने उदयपुर सांसद मन्नालाल रावत पर भी निशाना साधते हुए कहा- न तो वे आदिवासी है और न उनमें मानवता और इंसानियत है। रोत बोले- बागीदौरा विधायक को षड्यंत्रपूर्वक फंसाया गया
राजकुमार रोत ने कहा- बागीदौरा विधायक को षड्यंत्रपूर्वक फंसाया गया है। इसका जनता ने जवाब देते हुए पंचायतीराज के एक उप चुनाव में बीजेपी को हरा दिया। पहले हुए चुनाव में भाजपा 600 वोट से जीती थी, लेकिन उप चुनाव में भाजपा को जनता ने हराकर इसका जवाब दे दिया है। आने वाले समय में जनता और जवाब देगी। सांसद ने कहा- 1952 से लेकर आज तक राजस्थान में करीब 3000 विधायक बने होंगे, इनमें से कुछ रिपीट हुए होंगे। इसके अनुसार अब तक दो से ढाई हजार विधायक बने होंगे, लेकिन पहली बार किसी विधायक को ट्रैप किया गया। उन्होंने कहा- इस मामले में हमारी टीम की तहकीकात में सामने आया कि विधायक को षड्यंत्रपूर्वक फंसाया गया था। सामने वाले व्यक्ति ने 40 से 42 बार उनको फोन किए थे। रोत ने बिना नाम लिए कहा- सत्ताधारी पार्टी का विधायक प्रत्याशी रहा हुआ आदमी क्षेत्रीय पार्टी के विधायक को डर कर रिश्वत क्यों देगा? यह प्लानिंग और षड्यंत्र था। सीएम प्रेस कॉन्फ्रेंस कर एसआई भर्ती पर रुख साफ करें
रोत ने एसआई भर्ती परीक्षा को लेकर कहा- गरीब परिवार का बच्चा दिन-रात मेहनत करता है। ऐसे लड़कों के साथ अन्याय हुआ था। अब सरकार की जिम्मेदारी बनती है। सीएम प्रेस कॉन्फ्रेंस करें और इस पर अपना रुख साफ करें। वर्तमान सरकार ने पेपर लीक के विरोध में माहौल बनाया था और पिछली सरकार ने गलत किया, लेकिन अब सरकार ये तो बताए कि क्या कर रही है। मुख्यमंत्री का इस पर बयान आना चाहिए। मन्नालाल रावत जब से सांसद बने, आदिवासी-दलित विरोधी में काम किया
BAP सांसद ने उदयपुर सांसद डॉ. मन्नालाल रावत पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा- मन्नालाल रावत को पूरा सम्मान देता हूं, लेकिन व्यक्तिगत मुझे नहीं लगता कि उनमें मानवता है। आदिवासी तो नहीं है और न मानवता और इंसानियत है। इनका पहले एक ऑडियो वायरल हुआ, जिसमें उनको एक भाजपा कार्यकर्ता बोल रहा था कि यहां आदिवासी समुदाय के घर हैं। इस पर रावत बोल रहे थे कि इनके घरों में आग लगा दो, लठ्ठ मारो। ऐसे में मैं उन पर टीका-टिप्पणी नहीं करना चाहता हूं। वे काबिल भी नहीं है। आरोप-प्रत्यारोप उस पर ही करें जो काबिल हो। रावत जब से सांसद बने तब से लेकर आज तक आदिवासी और दलित के विरोध में काम किया है। वे स्कूटी वितरण, यूडीए विस्तार और आरक्षण पर नहीं बोल रहे हैं। गोगुंदा में लेपर्ड आया तो बोले कि बाप पार्टी वालों ने छोड़ा। इस तरह के आरोप लगा रहे थे। आदिवासी एरिया में नहीं चाहिए यूडीए, ये असंवैधानिक
सांसद रोत ने कहा- उदयपुर में यूडीए का असंवैधानिक दृष्टि से विस्तार हो रहा है। 50 से 100 साल से यहां आदिवासी और आमजन जो बसा हुआ है, उनकी जमीनों को विकास के नाम पर यूडीए हड़प रहा है। बरसों से आदिवासियों के साथ अत्याचार किया जा रहा हैं। उनसे जल, जंगल और जमीन छीनी जा रही है। कहा जाता है कि विकास किया जाता है, लेकिन विकास के नाम पर आदिवासी समुदाय को विस्थापित किया जाता है। रोत ने कहा- संविधान में अनुच्छेद 243 सी के तहत प्रावधान है कि शेड्यूल एरिया में नगर निगम, नगर पालिका असंवैधानिक है। उदयपुर यूडीए में 70 नए गांव जोड़े गए हैं। आदिवासी इलाके के अंदर यूडीए होना ही नहीं चाहिए। अगर है तो पुराने हैं, उससे आगे नहीं बढ़े। जितना कब्जा पहले से आदिवासी का है, उनका मालिकाना हक मिलना चाहिए। ——————————– विधायक रिश्वतकांड से जुड़ी ये खबर भी पढ़िए… राजस्थान में पहली बार रिश्वत लेते विधायक गिरफ्तार:बीएपी MLA ने लिए 20 लाख; विधानसभा में लगाए सवाल वापस लेने के लिए मांगे थे 10 करोड़ एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) राजस्थान ने बागीदौरा (बांसवाड़ा) से विधायक जयकृष्ण पटेल को रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। राजस्थान में यह पहली बार है, जब किसी विधायक को रिश्वत लेते अरेस्ट किया गया है। (यहां पढ़ें पूरी खबर)