श्रीगंगानगर में आर्य समाज रामनगर परिसर में आज साप्ताहिक यज्ञ और सत्संग कार्यक्रम श्रद्धा और वैदिक परंपरा के साथ हुआ। इस अवसर पर प्रतिभा सम्मान समारोह भी आयोजित किया गया। इसमें बोर्ड परीक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को सम्मानित किया गया। आयोजन का उद्देश्य नई पीढ़ी को वैदिक संस्कारों से जोड़ना रहा। कार्यक्रम की अध्यक्षता आर्य समाज रामनगर के प्रधान रतन भटनागर ने की। उन्होंने बताया कि आयोजन का मुख्य उद्देश्य वेद प्रचार, राष्ट्र निर्माण, समाज में नैतिक मूल्यों की स्थापना और योग को जीवन में अपनाने की प्रेरणा देना रहा। यज्ञ का संचालन पंडित नागेंद्र शास्त्री और पंडित विक्रांत शास्त्री ने वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ किया। इसके बाद भजन-कीर्तन और सत्संग हुआ। भजनों के माध्यम से ईश्वर की महिमा का भावपूर्ण गुणगान किया गया। प्रतिभा सम्मान समारोह में कक्षा 10वीं में 95.20 प्रतिशत अंक प्राप्त करने वाले योशुभ पुत्र डॉ. दीपक धमीजा और कक्षा 12वीं में 92.20 प्रतिशत अंक लाने वाले भविष्य पुत्र राधेश्याम को प्रशस्ति-पत्र और प्रतीक चिह्न देकर सम्मानित किया गया। सत्संग में आर्य समाज प्रधान रतन भटनागर ने वेदों की उपयोगिता, सत्य, ज्ञान, अहिंसा और मानव कल्याण जैसे मूल्यों पर सारगर्भित चर्चा की। उन्होंने कहा कि वैदिक जीवनशैली से ही समाज में सद्भाव, स्वास्थ्य और चरित्र निर्माण संभव है। युवाओं से वेदों की शिक्षाएं अपनाने और योग को जीवन का हिस्सा बनाने का आह्वान किया। आयोजन में आर्य समाज मंत्री धर्मेन्द्र भाटिया, कोषाध्यक्ष राज सक्सेना, स्त्री आर्य समाज की वरिष्ठ सदस्य कविता मंत्राणी, शकुंतला भाटिया, पूर्व प्रधान पुष्पा कालड़ा, पुस्तकालयाध्यक्ष आनंद धवन, भामाशाह मीना जाखड़, किड्स वैली कॉन्वेंट स्कूल के प्रधानाचार्य अरुण गोदारा, संत राम सहित कई गणमान्य नागरिक, समाजसेवी और आर्य समाज पदाधिकारी मौजूद रहे। कार्यक्रम के समापन पर प्रधान रतन भटनागर ने सभी आगंतुकों, सहयोगियों और आयोजकों का आभार जताया। उन्होंने कहा कि आर्य समाज ऐसे आयोजनों के माध्यम से समाज को वैदिक परंपरा, नैतिकता, शिक्षा और सेवा से जोड़ने का प्रयास करता रहेगा।

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