पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने जोधपुर, उदयपुर के डॉक्टर्स की मौत के मामले और बारिश में जयपुर की सड़कों के हालात को लेकर सरकार पर तंज कसा है। इसके साथ ही गहलोत अहमदाबाद हादसे के बाद फ्लाइट रद्द होने की घटनाओं को देखते हुए केंद्र सरकार से विमानन सेफ्टी पर कदम उठाने का सुझाव दिया है। गहलोत ने एक्स पर लिखा- भाजपा सरकार में चिकित्सा सेवाओं की तो दुर्गति हुई है। लेकिन ऐसा लगता है कि अब डॉक्टरों की जान की परवाह भी भाजपा सरकार को नहीं है। यही वजह है कि जोधपुर के डॉक्टर राकेश बिश्नोई की आत्महत्या का मामला हो या उदयपुर के मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर रवि शर्मा की वॉटर कूलर में करंट से मृत्यु का केस हो। दोनों ही मामलों में राज्य सरकार ने संवेदनहीनता दिखाई है। गहलोत ने लिखा- मृतक डॉक्टरों के परिजनों को न्याय के लिए कई दिनों तक धरना प्रदर्शन एवं डॉक्टरों को हड़ताल करनी पड़ जाए तो यह सरकार की असंवेदनशीलता का परिचायक है। क्या राज्य सरकार डॉक्टरों को लेकर बिल्कुल भी गंभीर नहीं है? बारिश ने भाजपा सरकार के भ्रष्टाचार की परतों को उजागर किया गहलोत ने लिखा- मानसून की पहली बारिश ने सिर्फ जयपुर की सड़कों ही नहीं बल्कि भाजपा सरकार के भ्रष्टाचार की परतों को भी उजागर कर दिया है। स्वयं मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र तक में तीन से छह महीने पहले बनी सड़कें एक बारिश में जर्जर हो गई हैं। बाकी राजस्थान की स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है। क्या मुख्यमंत्री जी ऐसी घटिया सड़क बनाने के लिए जिम्मेदार लोगों पर कोई एक्शन लेने की इच्छाशक्ति दिखाएंगे ? गहलोत बोले- मैं भी सिविल एविएशन मंत्री रहा हूं, विमानन सेफ्टी पर कदम उठाए केंद्र सरकार अहमदाबाद विमान हादसे के बाद विमानों में तकनीकी खराबी के बढ़ते मामलों पर गहलोत ने विमान सेफ्टी पर केंद्र से कदम उठाने की मांग की है। गहलोत ने लिखा- अहमदाबाद में एयर इंडिया विमान हादसे के बाद लगातार उड़ान रद्द या विमानों में तकनीकी खराबी की खबरें अचानक से बढ़ गई हैं। सिविल एविएशन से जुड़ी संसदीय स्थायी समिति की रिपोर्ट के अनुसार हवाई यातायात संचालन और सुरक्षा से जुड़ी हुई ATC में 25% DGCA में 53%, BCAS में 35% एवं AAI में 17% पद रिक्त हैं। यह बेहद गंभीर एवं लोगों की जान से जुड़ा हुआ विषय है। इस पर केन्द्र सरकार को अविलंब जरूरी कदम उठाने चाहिए। गहलोत ने लिखा- इस हादसे के बाद पायलटों में भी एक फियर साइकोसिस बना है, जिसके कारण अब वो अतिरिक्त सावधानी बरत रहे हैं। मीडिया में इस बीच बोइंग जैसी विमान कंपनियों द्वारा विमान निर्माण और रखरखाव में लापरवाही की रिपोर्ट भी सामने आई हैं। गहलोत ने लिखा- मैं भी सिविल एविएशन मंत्री रहा हूं। पायलटों, विमान कंपनियों और हवाई यातायात संचालन,सुरक्षा से जुड़ी हुई संस्थाओं के बीच विश्वास बढ़ाने और इनका तालमेल बेहतर करने के लिए सरकार को इन सभी के प्रतिनिधियों से संवाद कर उनकी चिंताओं को दूर करना चाहिए। तभी आम लोगों का हवाई सफर पर विश्वास बना रहेगा।