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गंगनहर में 2500 क्यूसेक सिंचाई पानी की मांग को लेकर चल रहे किसान आंदोलन ने अब सियासी रंग भी ले लिया है। एक ओर जहां आंदोलन आज आठवें दिन भी जारी रहा, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस नेता टीकाराम जूली और सचिन पायलट ने सोशल मीडिया के जरिए भाजपा सरकार पर तीखे शब्दों में हमला बोला। दोनों नेताओं ने सरकार को किसानों से वादाखिलाफी का दोषी ठहराया और कहा कि उन्हें उनके हिस्से का पानी मिलना चाहिए, यह उनका हक है न कि कोई उपकार। उधर, आंदोलन को जन-जन तक पहुंचाने के लिए संयुक्त किसान संघर्ष समिति की ओर से 24 जून को ‘प्रशासन ठप’ आंदोलन की घोषणा की गई है। इसके तहत जनसंपर्क अभियान सोमवार को भी जारी रहा। धरने को व्यापक समर्थन मिलने लगा है। आज करनपुर बाजार दोपहर एक बजे तक बंद रहा, जबकि जिले की सभी धान मंडियां पूरी तरह बंद रखी गईं। नई धानमंडी में भी कृषि जिंसों की बोली नहीं करने का व्यापारिक सगठनों ने धरने को समर्थन देते हुए फैंसला लिया है। स्वर्णकार यूनियन, दवा विक्रेता, लोहा यूनियन, वस्त्र विक्रेता, रेडिमेड, फोटो स्टेट और पेस्टीसाइड विक्रेताओं सहित कई व्यापारिक संगठनों ने आंदोलन को समर्थन दिया। करणपुर पालिका अध्यक्ष के अनुसार किसानों के साथ व्यापारी, मजदूर और आम नागरिक एकजुट होकर संघर्ष में साथ हैं। पदमपुर क्षेत्र में भी पानी की गंभीर स्थिति को देखते हुए मंडी में बोली बंद रही। व्यापार मंडल पदाधिकारियों ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने समय रहते समाधान नहीं किया तो हालात और बिगड़ सकते हैं। धरने को सशक्त बनाने के लिए किसान नेताओं ने 30 जनसंपर्क टीमें गठित की हैं जो गांव-गांव जाकर 24 जून को गंगानगर पहुंचने की अपील कर रही हैं। किसानों का आंदोलन न्यायसंगत विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने X पर पोस्ट कर कहा कि किसानों का यह आंदोलन पूरी तरह से न्यायसंगत है। उन्हें उनके हिस्से का पानी मिलना चाहिए, यह कोई एहसान नहीं बल्कि उनका हक है। उन्होंने भाजपा सरकार पर ERCP, यमुना जल और नर्मदा जैसी योजनाओं के झूठे वादों से किसानों को गुमराह करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि आज किसान पानी की भारी किल्लत से जूझ रहे हैं और भाजपा सरकार आंखें मूंदे बैठी है। पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने भी X पर किसानों के संघर्ष को समर्थन देते हुए कहा कि सरकार इस गंभीर विषय पर चुप्पी साधे बैठी है। कांग्रेस सरकार ने फिरोजपुर फीडर के लिए बजट प्रस्तावित किया था, लेकिन केंद्र सरकार की मंजूरी नहीं मिलने से किसान परेशान हैं। पायलट ने कहा कि कांग्रेस नेता और किसान संगठनों के साथ वे इस संघर्ष में उनके साथ खड़े हैं।

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