आपातकाल के 50 साल पूरे होने के मौके पर उदयपुर की आरटीडीसी की होटल कजरी में लोकतंत्र सेनानियों का सम्मान किया गया। उदयपुर जिला प्रशासन की ओर से बुधवार शाम को आयोजित समारोह में जिले में सूचीबद्ध कुल 55 मीसाबंदियों और आश्रितों में से कार्यक्रम में उपस्थित 45 जनों को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि उदयपुर सांसद डॉ. मन्नालाल रावत ने कहा- लोकतंत्र सेनानियों ने आपातकाल के दौरान भारी यातनाएं सहीं। उनके संघर्ष में न केवल लोकतंत्र की जड़े मजबूत की बल्कि विकसित भारत 2047 एवं सबका साथ-सबका विकास की भावना के मूल में उन्हीं के बलिदान का योगदान है। उन्होंने कहा कि आजादी के अमृत काल में भारत आपातकाल के काले अध्याय को पीछे छोड़ आगे बढ़ चला है। विशिष्ट अतिथि पूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्री शांतिलाल चपलोत ने कार्यक्रम में आपातकाल के दौरान जेल में बिताए गए कठिन दिनों और झेली गई यातनाओं को साझा करते हुए कहा कि यह दौर न केवल लोकतंत्र के लिए कड़ी परीक्षा थी, बल्कि देशवासियों की असली शक्ति की पहचान का भी समय था। विशिष्ट अतिथि उदयपुर ग्रामीण विधायक फूलसिंह मीणा ने भी अपनी बात रखी। प्रारंभ में जिला प्रशासन की ओर से एडीएम सिटी वारसिंह ने अतिथियों का स्वागत करते हुए बताया कि राज्य सरकार की ओर से लोकतंत्र सैनानियों को संबल प्रदान किया जा रहा है। इसमें लोकतंत्र सेनानियों को प्रतिमाह बीस हजार पेंशन एवं चार हजार मेडिकल भत्ता प्रदान किया जाता है। विषय विशेषज्ञ के रूप में आमंत्रित इतिहासकार डॉ. बालुदान बारहठ और प्राध्यापक डॉ. सरोजकुमार ने आपातकाल की पृष्ठभूमि, उसके राजनीतिक-सामाजिक प्रभाव और उससे उपजे लोकतांत्रिक चेतना पर विस्तार से प्रकाश डाला। लोकतंत्र सेनानियों की ओर से सौभाग्य सिंह नाहर ने राज्य सरकार का आभार जताया। संचालन मनोज गीतांकर ने किया। कार्यक्रम में फतह सिंह का भी सराहनीय सहयोग रहा। इनका हुआ सम्मान