उदयपुर के जगदीश चौक से निकलने वाली भगवान जगन्नाथ स्वामी की रथयात्रा को लेकर आयोजकों और पुलिस-प्रशासन ने तमाम तैयारियां पूरी कर ली है। रथयात्रा 27 जून को दोपहर 3 बजे 21 बंदूकों की सलामी के साथ रवाना होगी और भगवान को नगर भ्रमण के दौरान जगह-जगह स्वागत किया जाएगा। रथ यात्रा में भगवान जगन्नाथ स्वामी, माता महालक्ष्मी, दानी रायजी की श्रृंगारित मनमोहन प्रतिमाएं राजसी कपड़े धारण किए हुए चांदी के रथ में सवार होकर उदयपुर नगर के भक्तों को दर्शन देने शाही लवाजमे के साथ निकलेंगे। श्री जगन्नाथ रथ यात्रा समिति उदयपुर के प्रवक्ता राजेंद्र सेन ने बताया कि रथ यात्रा जगदीश चौक से शुरू होकर रात में वापस जगदीश चौक पहुंचेगी। समिति ने भक्तों और दर्शकों से अपील की है कि वे कीमती जेवर, मोबाइल या जोखिम भरी वस्तुएं साथ न लाएं। उन्होंने बताया कि जो लोग स्वागत द्वार लगाना चाहते हैं, वे 21 फीट ऊंचा द्वार बनाएं। यात्रा मार्ग में रंग, गुलाल और आतिशबाजी पूरी तरह वर्जित रहेगी। अल्पाहार, पेय पदार्थ और प्रसाद की स्टालें सीमित रहेंगी। प्लास्टिक गिलास, कटोरी और प्लेटों का उपयोग नहीं होगा। रथ यात्रा का मुख्य आकर्षण प्रभु के रथ यात्रा में 21 व्यक्तियों का दल शाही लवाजमे में पारंपरिक वेशभूषा में छड़ी एवं ध्वज लेकर चलेंगे, वहीं ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र से तथा संतों के मंदिरों से आने वाली भजन मंडलियां भजनों की प्रस्तुतियां देते हुए चलेगी। धर्मोत्सव समिति के अध्यक्ष दिनेश मकवाना ने बताया कि चांदी के रथ की लंबाई 16 फीट, चौड़ाई 8 फीट और ऊंचाई 21 फीट रहेगी और 80 किलो चांदी से यह रथ निर्मित है। इसमें अर्बुदा हैंडीक्राफ्ट के गोपाल सुथार ने और चांदी का काम चौहान हैंडीक्राफ्ट के महेश और कमल ने किया है। रथयात्रा में 12 बैंड जो मधुर धुन बिखेरते हुए चलेंगे वहीं सैकड़ो महिलाएं सिर पर कलश लेकर मंगल गीत गाती हुई चलेगी। रथ यात्रा में विभिन्न समाजों संगठनों की ओर से मनमोहन आकर्षित सुसज्जित 21 झांकियां चलेगी। रथयात्रा के साथ चलने वाले भक्त पारंपरिक वेशभूषा को पहन कर चलेंगे, महिलाएं केसरिया साड़ी पहनी होगी तो पुरुष वर्ग धोती कुर्ता और मेवाड़ी पाग पहन कर चलेंगे। इसमें उदयपुर शहर के अलावा आसपास के गांवों से भी भक्तगण शामिल होते है। इधर, बुधवार को जिला प्रशासन, पुलिस, नगर निगम, स्मार्ट सिटी, बिजली निगम, सार्वजनिक निर्माण विभाग, चिकित्सा विभाग, फायर ब्रिगेड और केबल ऑपरेटरों ने रथ यात्रा मार्ग का निरीक्षण किया। सड़कों के गड्ढे, विद्युत तार, केबल तार, यातायात और चिकित्सा जैसी व्यवस्थाओं की समीक्षा की गई। संबंधित विभागों को जरूरी दिशा-निर्देश भी दिए गए।

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