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जालोर नगर परिषद में फर्जी पट्टा जारी करने का मामला सामने आया है। सभापति गोविंद टांक का कार्यकाल समाप्त होने के 6 महीने बाद 25 मई 2025 को उनके हस्ताक्षर से 17 पट्टे जारी हुए हैं। जबकि अभी प्रशासक राजेश मेवाड़ा के हस्ताक्षर जारी होने थे। मामले में प्रशासक ने जांच शुरू की और कृषि भूमि रूपांतरण शाखा प्रभारी अनिल कुमार को निलंबित कर दिया। प्रशासक के होने थे साइन एडीएम और नगर परिषद (प्रशासक) राजेश मेवाड़ा ने बताया कि 24 नवम्बर 2024 को नगर परिषद के सभापति गोविंद टांक का कार्यकाल समाप्त हुआ और उसी दिन जालोर एडीएम राजेश मेवाड़ा ने बतौर प्रशासक कार्यभार संभाला। तब से अब तक प्रशासक के हस्ताक्षर से ही पट्टे जारी होने थे। गुरुवार को एडीएम व जिला पंजीयन अधिकारी राजेश मेवाड़ा के द्वारा पंजीयन आय की समीक्षा बैठक में नगर परिषद के द्वारा जारी इन पट्टों का मामला सामने आया। एडीएम ने जानकारी लेकर जांच कराई जिसमें सामने आया कि पंजीयन कार्यालय में प्रक्रियाधीन सभी 17 पट्टे 25 मई 2025 को जारी हुए हैं और इन पर तत्कालीन सभापति के हस्ताक्षर थे। शाखा का बाबू निलंबित मामले की जांच करने एडीएम शाम 5.30 बजे नगर परिषद पहुंचे। पूरे मामले की जानकारी ली तो सामने आया कि कृषि भूमि रूपांतरण शाखा प्रभारी बाबू अनिल ने आयुक्त की जगह हस्ताक्षर कर पंजीयन शाखा को पत्र लिखा था। इस तत्काल उसे निलंबित कर दिया। सभापति के हस्ताक्षर से जारी पट्टों की जांच की जा रही है। जालोर नगर परिषद पूर्व सभापति गोविंद टांक ने बताया कि साइन पहले किए होंगे, उनको डिस्पैच होने में टाइम लग जाता है। वैसे इस कार्रवाई के बारे में मुझे जानकारी नहीं है और ना ही इन पट्टों की जानकारी है।

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