आरआईसी में शनिवार को आयोजित सीए सम्मेलन टेक्सकॉन-2025 ‘अमृत’ का उद्घाटन पीएमएलए अपीलेट ट्रिब्यूनल के चेयरमैन जस्टिस एमएन भंडारी ने किया। कार्यक्रम में इनकम टैक्स अपीलेट ट्रिब्यूनल के सदस्य मनीष बोरड और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के कार्यकारी निदेशक महेंद्र डोहारे समेत कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। जस्टिस भंडारी ने महत्वपूर्ण जानकारी साझा करते हुए बताया कि पीएमएलए के तहत बेनामी संपत्ति और नारकोटिक्स के मामलों में पैरवी के लिए एलएलबी की डिग्री अनिवार्य नहीं है। सीए प्रोफेशनल भी इन मामलों में पैरवी कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि आर्थिक मामलों में बेगुनाही साबित करने के लिए दस्तावेज महत्वपूर्ण होते हैं। कानपुर के सीए मनु अग्रवाल ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर चर्चा करते हुए कहा कि एआई से घबराने की जरूरत नहीं है। यह सीए प्रोफेशनल्स के लिए नए अवसर लेकर आया है। जीएसटी, इनकम टैक्स और ऑडिट पर विशेषज्ञों ने की चर्चा दिल्ली के सीए अतुल गुप्ता ने जीएसटी से जुड़ी चुनौतियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि बोगस बिल और फर्जी फर्म की समस्या से व्यापारियों को करोड़ों का नुकसान हो रहा है। इस समस्या का समाधान सरकार के साथ मिलकर जल्द निकालना जरूरी है। टीसीए अध्यक्ष सीए पवन गोयल और अन्य पदाधिकारियों ने बताया कि सम्मेलन में जीएसटी, इनकम टैक्स और ऑडिट से जुड़े जटिल प्रावधानों पर विशेषज्ञों ने विस्तार से चर्चा की। यह सत्र सभी सीए प्रोफेशनल्स के लिए उपयोगी रहा। आयकर कानून 65 साल पुराना इनकम टैक्स पर दिल्ली के गिरीश आहुजा ने सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि आयकर कानून 65 साल पुराना है। नया-नया इनकम टैक्स कोड बिल को संसदीय समिति के पास भेजा गया है। इसके जारी होने पर कई समस्याओं का समाधान हो जाएगा। यहां राहुल मालोदिया ने स्मार्ट अर्निंग पर एक विशेष सत्र को भी संबोधित किया। शाम को आध्यात्मिक गुरु विजय शंकर मेहता का विशेष सत्र हुआ। विशिष्ट सेवाओं के लिए वरिष्ठ सीए अनिल अग्रवाल को लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से नवाजा गया.।