दिगंबर जैन धर्म में भादवा माह का बहुत बड़ा महत्व बताया गया है, इस माह को जैन धर्म त्याग, तप, साधना और आराधना का माह माना गया, भादवें के महीने में अधिकतर जैन श्रद्धालु बाहर की बनी चीजों का एक माह तक त्याग करते है और नित्य जिनालय पहुंचकर अरिहंत भगवानों के दर्शन कर दिन की शुरुआत करते है। अखिल भारतीय दिगंबर जैन युवा एकता संघ के अनुसार भादवें माह को जैन धर्म में सबसे पवित्र माह माना गया, इस माह की शुरुआत के साथ ही जैन धर्म में बत्तीस दिन के उपवास प्रारंभ हो जाते है। इसके बाद सोलह दिनों के सोलहकरण उपवास प्रारंभ होते है, फिर दशलक्षण पर्व के दस उपवास प्रारंभ होते है, दशलक्षण के दौरान ही पांच दिन के पंचमेरू उपवास और तीन के उपवास प्रारंभ होते है। 17 सितंबर को अनंत चतुर्दशी, चौदस और भगवान वासुपूज्य स्वामी के निर्वाण कल्याणक के साथ दशलक्षण पर्व संपन्न होगे। इस बार चौदस और पूर्णिमा एक साथ होने से 18 सितंबर को पड़वा ढोक (क्षमावाणी पर्व) मनाई जाएगी। क्या है दशलक्षण पर्व दशलक्षण पर्व दस धर्मों पर आधारित एक महापर्व है, जिसकी शुरुआत क्षमा के भावों को धारण कर क्षमायाचना के साथ संपन्न होती है। प्रतिदिन श्रावक/श्राविकाएं इन धर्मों को अपने तन-मन में धारण करेंगे और श्रद्धा-भक्ति और समर्पण के साथ अष्ट द्रव्यों के साथ जिनेन्द्र आराधना कर अपने कर्मों की निर्जरा करेगे। दसलक्षण पर्व के मुख्य आयोजन अखिल भारतीय दिगंबर जैन युवा एकता संघ अध्यक्ष अभिषेक जैन बिट्टू ने बताया कि दसलक्षण पर्व के दौरान दस धर्मों के अतिरिक्त विभिन्न मुख्य आयोजन भी संपन्न होगे। इन सब के अलावा प्रतिदिन संध्याकालीन सत्र में श्रीजी की सामूहिक महामंगल आरती, विशेष प्रवचन आयोजित होगे। साथ ही मंदिरों की समितियों से जुड़े महिला मंडल, युवा मंडल, मुनि संघ व्यवस्था समितियों सहित विभिन्न संस्थानों द्वारा धार्मिक सांस्कृतिक आयोजन आयोजित होगे। शहर के इन स्थानों पर होगे मुख्य आयोजन अभिषेक जैन बिट्टू ने बताया कि गुलाबी नगरी में इस बार बड़ी संख्या में दिगंबर जैन संतों के चातुर्मास कार्यक्रम चल रहे है। जिसके चलते प्रतिदिन ज्ञान की गंगा का महा महोत्सव देखने को मिल रहा है, यह महा महोत्सव दसलक्षण पर्व में भी जारी रहेगा, जिसके साक्षी बनने का सौभाग्य संपूर्ण जयपुर जैन समाज मिलेगा। दसलक्षण पर्व के अवसर पर सभी मंदिरों में श्रद्धालुओं की आस्था देखने को मिलेगी किंतु जहां चातुर्मास चल रहे है उन स्थानों पर आस्था का सैलाब देखने को मिलेगा और विशेष आयोजन भी देखने को मिलेंगे।

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