बारां में पेयजल आपूर्ति की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। जलदाय विभाग ने चार दिन की मेहनत से पानी की गुणवत्ता में सुधार किया है, लेकिन अभी भी उत्पादन बढ़ाने की जरूरत है। वर्तमान में शहरवासियों को 24 घंटे में केवल 15-20 मिनट ही पानी मिल रहा है। बिजली की समस्या के कारण कई बार यह समय और भी कम हो जाता है। लोगों को अपनी जरूरतें पूरी करने के लिए नगर परिषद की ट्यूबवेल पर निर्भर रहना पड़ रहा है। पिछले सप्ताह तेज बारिश के कारण पार्वती नदी में मिट्टी की मात्रा बढ़ गई थी। पानी की टर्बिडिटी 430 तक पहुंच गई थी। प्लांट के रखरखाव की जिम्मेदारी संभाल रही फर्म की लापरवाही से गंदा पानी फिल्टर प्लांट से होकर घरों तक पहुंच गया। इससे प्लांट के बेड जाम हो गए। जलदाय विभाग पानी का उत्पादन बढ़ाने का प्रयास कर रहा है, लेकिन मोटरों की खराबी, बिजली की अनियमित आपूर्ति और मुख्य लाइनों में रिसाव की समस्याएं बनी हुई हैं। अवैध कनेक्शन और पानी की बर्बादी भी उत्पादन को प्रभावित कर रही है। मंडोला रोड पर छगरा नाले के पास हीकड़ से आने वाली 24 इंच की मुख्य लाइन में रिसाव की समस्या को शनिवार को ठीक किया गया। इस रिसाव से रोजाना हजारों लीटर फिल्टर पानी बर्बाद हो रहा था। एसई आलोक गुप्ता का कहना है कि पानी की गुणवत्ता में सुधार कर दिया गया है। उत्पादन बढ़ाने के लिए अवैध कनेक्शन के खिलाफ अभियान चलाया जाएगा। मजरावता की मुख्य लाइन में दो-तीन रिसाव ठीक करा दिए थे। दो-चार दिन में उत्पादन में और सुधार हो जाएगा। बिजली का 2-4 घंटे व्यवधान आने से ही उत्पादन का बहुत अंतर आ जाता है। सब्जी मंडी के ऊंचाई वाले इलाके में प्रेशर की दिक्कत है। वहां अमृत योजना में लाइन बिछाने का प्रयास किया जाएगा।

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