राजस्थान प्रशासनिक सेवा (आरएएस) परीक्षा की तैयारी कर रहे इंग्लिश मीडियम स्टूडेंट्स के लिए रविवार को दैनिक भास्कर और RAS Only की ओर से राजस्थान के छह शहरों में एक साथ सेमिनार का आयोजन किया गया। जयपुर, जोधपुर, कोटा, टोंक, हनुमानगढ़ और झुंझुनूं में हुए इस सेमिनार में बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स और उनके पैरेंट्स शामिल हुए। सुबह 10.30 बजे शुरू हुए इस आयोजन में रिटायर्ड आईएएस अफसरों और विषय विशेषज्ञों ने स्टूडेंट्स को आरएएस परीक्षा की रणनीति, बाइलिंगुअल बैच में एडजस्टमेंट, इंग्लिश मीडियम स्टडी मटेरियल की कमी, करंट अफेयर्स की उपलब्धता और सही गाइडेंस जैसे मुद्दों पर विस्तार से मार्गदर्शन दिया। एक्सपर्ट्स ने कहा कि आरएएस या यूपीएससी जैसी परीक्षा के लिए एक स्पष्ट और सही पाथ का होना जरूरी है। उन्होंने सुझाव दिया कि जब भी विचारों में भ्रम हो या मोटिवेशन कम लगे, तो एक्सपर्ट काउंसिलिंग जरूर लें, जिससे सही निर्णय लिया जा सके। स्टूडेंट्स ने पूछे करियर से जुड़े सवाल सेमिनार के दौरान स्टूडेंट्स ने एक्सपर्ट्स से एग्जाम स्ट्रैटेजी, करंट अफेयर्स की तैयारी, टेस्ट सीरीज की प्लानिंग और पर्सनल गाइडेंस से जुड़े सवाल पूछे। कई पैरेंट्स ने भी बच्चों की पढ़ाई और मनोवैज्ञानिक दबाव को लेकर एक्सपर्ट्स से बातचीत की। एक्सपर्ट्स ने कहा कि अक्सर स्टूडेंट्स कुछ बातें अपने पैरेंट्स से साझा नहीं कर पाते, ऐसे में गाइडेंस के लिए सही मेंटर से जुड़ना बहुत जरूरी है। इन समस्याओं पर फोकस रहा सेमिनार में इंग्लिश मीडियम स्टूडेंट्स को अक्सर राज्य केंद्रित विषयों की इंग्लिश बुक्स की कमी, हाई क्वालिटी नोट्स और मॉक टेस्ट, सही समय पर उत्तरपुस्तिका मूल्यांकन, और पर्सनल गाइडेंस जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। UPSC से RAS की ओर रुख करने वाले स्टूडेंट्स के लिए यह सेमिनार विशेष रूप से उपयोगी रहा। पहली बार 6 शहरों में एक साथ हुआ आयोजन RAS Only के फाउंडर और CEO भुनेश शर्मा ने बताया कि यह पहली बार है जब दैनिक भास्कर और RAS Only के संयुक्त प्रयास से एक साथ 6 शहरों में यह सेमिनार आयोजित किया गया। उन्होंने बताया कि हर साल आरएएस परीक्षा में 25 से 30 फीसदी स्टूडेंट्स इंग्लिश मीडियम से होते हैं, ऐसे में उनकी जरूरतों को ध्यान में रखते हुए यह पहल की गई है। सेमिनार में शामिल होने वाले स्टूडेंट्स को फ्री जीके और जीएस का कंप्लीट वीडियो कोर्स, आरएएस फाउंडेशन स्टडी मटेरियल और ऑफलाइन बैचेज पर स्कॉलरशिप जैसी सुविधाएं दी गईं।