बीकानेर| जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ के गच्छाधिपति आचार्य प्रवर जिन मणि प्रभ सूरीश्वर महाराज की आज्ञानुवर्ती गणिवर्य मेहुल प्रभ सागर, मुनि मंथन प्रभ सागर व बाल मुनि मीत प्रभ सागर के सान्निध्य में मंगलवार को गंगाशहर के भगवान आदिनाथ जैन मंदिर में सुबह स्नात्र पूजा होगी। पूजा के बाद श्रावक-श्राविकाओं के लिए नवकारसी की व्यवस्था केसरीचंद, झंवर लाल व मनोज कुमार सेठिया तथा महादेव व अनिल सुराणा परिवार की ओर से रखी गई है। सोमवार को मुनिवृंद ने गंगाशहर के तुलसी विहार के शंखेश्वर पार्श्वनाथ जैन मंदिर परिसर में दर्शन वंदन के बाद प्रवचन किए। जैन श्वेताम्बर तेरापंथ के कमल मुनि व श्रेयांस मुनि के साथ मुनिवृंद का संगम व धर्मचर्चा हुई। गणिवर्य मेहुल प्रभ सागर ने प्रवचन में कहा कि दुर्लभ मानव देह में जिन शासन में आत्म परमात्म तत्व का मार्ग, तीर्थ, साधु-साध्वीवृंद और ज्ञान का भंडार मिला है। उन्होंने कहा कि परमात्म तत्व, उनकी वाणी और मानव देह की प्राप्ति दुर्लभ है। परमात्मा की वाणी पर चिंतन-मनन कर हम अपने अज्ञान के तिमिर को दूर कर सकते हैं। हमें पाप व पाप कार्यों की आलोचना तथा धर्म व सुकृत कार्यों की अनुमोदना करनी चाहिए।

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