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चित्तौड़गढ़ में मानसून की दस्तक के साथ ही जिले के किसान खेतों में जुट गए हैं। खरीफ सीजन की बुवाई तेज़ी से चल रही है। इस बार भी किसानों ने मक्का और सोयाबीन को सबसे ज्यादा प्राथमिकता दी है। बारिश की शुरुआत होते ही खेतों में ट्रैक्टर और बैलों की जोड़ी दिखाई देने लगी है। मक्का और सोयाबीन की सबसे ज्यादा बुवाई
जिले में खरीफ फसलों के लिए इस बार 3,28,000 हेक्टेयर का लक्ष्य रखा गया है। अब तक इसमें से करीब 2,00,762 हेक्टेयर क्षेत्र में बुवाई पूरी हो चुकी है, यानी लगभग 61.21 प्रतिशत बुवाई हो गई है। इसमें सबसे ज्यादा रकबा मक्का और सोयाबीन की खेती का है। मक्का: इस साल भी मक्का की बुवाई का लक्ष्य 1,48,000 हेक्टेयर रखा गया है। अभी तक लगभग 71.70 प्रतिशत किसानों ने मक्का की बुवाई कर ली है। सोयाबीन: इसकी बुवाई 1,08,000 हेक्टेयर में की जानी है, जिसमें से अब तक 52.87 प्रतिशत बुवाई पूरी हो चुकी है। मक्का और सोयाबीन की मांग बाजार में ज्यादा होने और अच्छी कीमत मिलने की उम्मीद के कारण किसान इन्हें ज्यादा पसंद कर रहे हैं। धान की खेती में रुचि बढ़ रही, लेकिन बारिश का इंतजार
इस बार कृषि विभाग ने जिले में 1,000 हेक्टेयर में धान की खेती का लक्ष्य रखा है। लेकिन अभी तक सिर्फ 1.60 प्रतिशत रकबे में ही रोपाई हो पाई है। इसका बड़ा कारण पर्याप्त बारिश न होना है। किसान धान की बुवाई से पहले अच्छी बारिश का इंतजार कर रहे हैं। गौरतलब है कि पिछले साल किसानों ने लक्ष्य से ज्यादा धान की खेती की थी। जहां टारगेट 1,000 हेक्टेयर था, वहीं 1,462 हेक्टेयर जमीन पर धान की रोपाई हुई थी। पिछले साल ज्वार, मक्का और मूंगफली में किसानों ने दिखाई थी रुचि
पिछले साल किसानों ने ज्वार, मक्का और मूंगफली जैसी फसलों की तरफ ज्यादा रुझान दिखाया था। मक्का की बुवाई 102.48 प्रतिशत, मूंगफली की 109.56 प्रतिशत और ज्वार की 107.16 प्रतिशत हुई थी। इसके विपरीत उड़द, गन्ना, कपास, ग्वार जैसी फसलों में किसानों की रुचि कम रही। उड़द की बुवाई 72.96 प्रतिशत, गन्ना 50.70 प्रतिशत, कपास 65.18 प्रतिशत और ग्वार 84.50 प्रतिशत रही थी। अन्य फसलों की बुवाई भी 72.83 प्रतिशत ही रही। इस साल भी वही लक्ष्य, मूंगफली और मक्का की बुवाई में तेजी
इस साल भी कृषि विभाग ने लगभग वही लक्ष्य निर्धारित किए हैं। किसानों ने बुवाई शुरू कर दी है और यह देखना दिलचस्प होगा कि वे इस बार किन फसलों में अधिक रुचि दिखाते हैं। फिलहाल मूंगफली और मक्का की बुवाई में तेजी नजर आ रही है और अनुमान है कि इन दोनों फसलों का रकबा पिछले साल की तुलना में और बढ़ेगा। इन फसलों का बाजार भाव अच्छा होने से किसान इन्हें सुरक्षित और लाभकारी मानते हैं। किसानों ने खेतों को कर लिया तैयार
जिले के अधिकांश किसानों ने एक महीने पहले ही अपने खेतों की तैयारी कर ली थी। जैसे ही बारिश शुरू हुई, किसानों ने सीड्रिल मशीनों और परंपरागत हल-बैल की मदद से बुवाई शुरू कर दी। मध्यम और सीमांत किसान भी अब ट्रैक्टरों का उपयोग करने लगे हैं, जिससे बुवाई का कार्य तेजी से हो रहा है। हालांकि आज भी कई गांवों में लकड़ी के हल और बैलों के माध्यम से खेती की जा रही है। जिले में अब भी कुछ क्षेत्रों में अच्छी बारिश का इंतजार है, खासकर उन इलाकों में जहां धान और अन्य जल-आधारित फसलें बोई जाती हैं। मौसम विभाग की भविष्यवाणी के अनुसार आने वाले दिनों में अच्छी बारिश की संभावना है, जिससे बाकी की बची फसलों की बुवाई भी पूरी हो सकेगी। कुल मिलाकर, चित्तौड़गढ़ जिले में किसानों ने समय पर खरीफ सीजन की शुरुआत कर दी है। मक्का, मूंगफली और सोयाबीन जैसी फसलें इस बार भी किसानों की पहली पसंद बनी हुई हैं। यदि मौसम ने साथ दिया, तो जिले में बुवाई लक्ष्य को पार करना कोई मुश्किल नहीं होगा। किसानों में उत्साह है और उम्मीद की जा रही है कि यह खरीफ सीजन उनके लिए लाभदायक सिद्ध होगा। फोटो-वीडियो क्रेडिट – दिलीप सेन

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